हरियाणा
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को मिली स्वीकृति
- 09 May 2023
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चर्चा में क्यों?
8 मई,2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शहरी स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग (ए) के राजनीतिक आरक्षण अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिये गठित हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति दर्शन सिंह की अध्यक्षता में गठित आयोग ने पिछड़े वर्गों के नागरिकों के राजनीतिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिये गहन जाँच की।
- इस रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग आयोग ने पाया कि पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-ए (बीसी-ए) के लोगों को राजनीतिक सेटअप में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के कारण उन्हें शहरी स्थानीय निकायों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका में पार्षद का पद नागरिकों के ब्लॉक-ए के पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षित होगा और इस प्रकार आरक्षित सीटों की संख्या उस क्षेत्र में सीटों की कुल संख्या के समान अनुपात में हो सकती है।
- शहरी स्थानीय क्षेत्र, उस शहरी स्थानीय क्षेत्र में कुल आबादी के नागरिकों के पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी । यदि दशमलव मान 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक तक पूर्णांकित किया जाएगा। बशर्ते कि यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक निकाय में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पार्षद होगा।
- नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में महापौरों/अध्यक्षों के पदों की संख्या का आठ प्रतिशत नागरिकों के पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए के लिये आरक्षित होगा।
- आयोग ने कहा है कि शीर्ष न्यायालय के निर्देशानुसार आरक्षण किसी भी नगर निकायों में अनुसूचित जाति और बीसी (ए) के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
- पिछड़े वर्ग (ए)के लिये इस प्रकार आरक्षित सीटों की संख्या को अनुसूचित जातियों के लिये आरक्षित सीटों की संख्या के साथ जोड़ने पर यदि उनकी कुल संख्या नगर निकायों की कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक हो जाती है तो पिछड़े वर्ग (ए) के लिये आरक्षित सीटों की संख्या को वहीं तक रखा जाएगा जिससे कि अनुसूचित जाति और बीसी (ए) का आरक्षण नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगम के सदस्य की कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक न हो। उदाहरण के लिये शहरी स्थानीय क्षेत्र में, ‘ए’नागरिकों के ब्लॉक ए के पिछड़े वर्ग की आबादी उस शहरी स्थानीय क्षेत्र की कुल आबादी का 25 प्रतिशत है, तो 12.5 प्रतिशत सीटें पिछड़े वर्ग के ब्लॉक-ए नागरिकों के लिये आरक्षित होंगी।
- जहाँ किसी दिये गए शहरी स्थानीय क्षेत्र में अनुसूचित जाति की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहाँ के नागरिकों के पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए को उनकी आबादी के प्रतिशत के बावजूद कोई आरक्षण नहीं मिलेगा।
- जहाँ अनुसूचित जाति की जनसंख्या शहरी स्थानीय निकाय की जनसंख्या का 40 प्रतिशत है तथा शहरी स्थानीय क्षेत्र में 10 सीटें हैं तो अनुसूचित जाति के लिये 4 सीटें आरक्षित होंगी, शेष एक सीट पिछड़ा वर्ग ब्लॉक के लिये उपलब्ध होगी।
- पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-ए के नागरिकों को नगर पालिका में एक सीट मिलेगी, भले ही उनके लिये उपलब्ध आरक्षण के प्रतिशत के अनुसार कोई सीट उपलब्ध न हो, बशर्ते कि संबंधित शहरी स्थानीय क्षेत्र में उनकी आबादी 2 प्रतिशत से कम न हो।