राजस्थान
गुलाल गोटा
- 28 Mar 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान के जयपुर में लगभग 400 साल पुरानी एक अनोखी परंपरा गुलाल गोटा मनाई गई।
मुख्य बिंदु:
- गुलाल गोटा लाख से बनी एक छोटी गेंद होती है, जिसमें सूखा गुलाल भरा जाता है जिसके बाद इसका वज़न लगभग 20 ग्राम होता है।
- गुलाल गोटा के लिये प्राथमिक कच्चा माल लाख, छत्तीसगढ़ और झारखंड से प्राप्त किया जाता है।
- गुलाल गोटा बनाने की प्रक्रिया में लाख को पानी में उबालकर उसे लचीला बनाना, आकार देना, रंग मिलाना, गर्म करना और फिर "फूँकनी" नामक ब्लोअर की मदद से इसे गोलाकार आकार में तैयार करना शामिल है।
- गुलाल गोटा जयपुर में मुस्लिम लाख निर्माताओं द्वारा तैयार किया जाता है, जिन्हें मनिहारों के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने जयपुर के पास एक शहर बगरू में हिंदू लाख निर्माताओं से लाख बनाना सीखा था।
- भारत सरकार द्वारा लाख की चूड़ी और गुलाल गोटा निर्माताओं को "कारीगर कार्ड" प्रदान किये गए हैं, जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
- परंपरा को बचाने के लिए, कुछ गुलाल गोटा निर्माताओं ने भौगोलिक संकेत (GI) टैग की मांग की है।
लाख
- यह एक रालयुक्त पदार्थ है जो कुछ कीड़ों द्वारा स्रावित होता है। मादा स्केल कीट लाख के स्रोतों में से एक है।
- 1 किलोग्राम लाख राल का उत्पादन करने के लिए, लगभग 300,000 कीड़े मारे जाते हैं। लाख के कीड़े राल, लाख डाई और लाख मोम भी पैदा करते हैं।
- इसका उपयोग लाख की चूड़ियों के उत्पादन सहित विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जाता है।
भौगोलिक संकेत (GI) टैग
- GI टैग एक ऐसा नाम या चिह्न है जिसका उपयोग कुछ उत्पादों पर किया जाता है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान या मूल से मेल खाते हैं।
- GI टैग यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं या भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ही लोकप्रिय उत्पाद नाम का उपयोग करने की अनुमति है।
- यह उत्पाद को दूसरों द्वारा कॉपी या नकल किये जाने से भी बचाता है।
- एक पंजीकृत GI, 10 वर्षों के लिए वैध है।
- GI पंजीकरण की देखरेख वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा की जाती है।