उत्तर प्रदेश के पाँच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में व्यावसायिक गतिविधियों के लिये ग्रीन क्षेत्र आरक्षित | 14 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
12 अक्तूबर 2023 को उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (आवास) नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि प्रदेश के पाँच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ट्रांसपोर्ट नगर, आर्थिक ज़ोन, उद्योग और व्यावसायिक गतिविधियों के साथ ग्रीन क्षेत्र आरक्षित होंगे।
प्रमुख बिंदु
- इन आरक्षित क्षेत्रों के लिये कॉन्प्रिहेंसिव मोविलिटी प्लान में ट्रांसपोर्ट नगर की व्यवस्था की जाएगी, बाज़ार व कॉलोनियों में सड़कों की चौड़ाई तय की जाएगी।
- आर्थिक ज़ोन में लघु उद्योग व्यावसायिक गतिविधियों के साथ ही कारपोरेट सेक्टर के ऑफिसों के लिये स्थान आरक्षित होंगे। ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ ही ट्रांजिड ओरिएंटेड डेवलपमेंट के लिये ये सुविधाएँ दी जाएंगी।
- संबंधित विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान में इन स्थानों को चिह्नित करते हुए आरक्षित करेगी। केंद्र सरकार इन शहरों को सुविधाएँ विकसित करने के लिये अलग से 50-50 करोड़ रुपए देगी।
- अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि मौजूदा मास्टर प्लान में इन सुविधाओं को शामिल करते हुए स्थान आरक्षित किया जाएगा और इन चार में तीन सुविधाएँ देनी होंगी-
- एक लाख की आबादी पर 40 बसों की सुविधा।
- मल्टीस्टोरी पार्किंग के साथ ही ईवी चार्जिंग की सुविधा।
- घनी आबादी और पुराने क्षेत्रों के ट्रांसपोर्ट प्लान।
- आर्थिक ज़ोन में फूड स्ट्रीट का स्थान आरक्षित होगा।
- केंद्र सरकार ने इन सुविधाओं में से तीन की अनिवार्यता की है। इसके आधार पर ही मास्टर प्लान में इन सुविधाओं के लिये स्थान आरक्षित किया जाना है।
- उत्तर प्रदेश के पहले 19 शहरों में ये सुविधाएँ दी जाएंगी, जिनकी आबादी पाँच लाख से अधिक है, जिनमें लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, गाज़ियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, मुज़फ्फरनगर, अलीगढ़, झाँसी, फिरोज़ाबाद-शिकोहाबाद, रामपुर, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, हापुड़-पिलखुआ और शाहजहाँपुर शामिल हैं।