दवा वितरण के लिये GPS ट्रैकिंग | 15 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
अपनी आपूर्ति शृंखला को सुदृढ़ करने और दवाओं की सुचारु डिलीवरी की सुविधा के लिये छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL), जो राज्य में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये गुणवत्ता परीक्षण की गई दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों की खरीद तथा वितरण के लिये ज़िम्मेदार है, ने ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS) आधारित ट्रैकिंग सिस्टम की तैनाती की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु:
- अपने नवीनतम आदेश में CGMSCL ने अपने सभी वाहनों पर GPS सक्षम उपकरणों की इनस्टॉलेशन अनिवार्य कर दी है। इन-हाउस DPDMIS एप्लीकेशन के साथ मिलकर GPS डेटा वेयरहाउस से वितरण स्थान तक किसी भी शिपमेंट की आसान ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है, इस प्रकार सटीक स्थान निर्धारित करता है तथा डिलीवरी का अनुमानित समय निर्धारित करता है।
- CGMSCL ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति शृंखला को सुदृढ़ करने के लिये कई पहल की हैं, जिसमें CGMSCL द्वारा मुख्य रूप से अपने इन-हाउस सॉफ्टवेयर DPDMIS (ड्रग प्रोक्योरमेंट एंड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) की विशेषताओं को बढ़ाकर, अपने वेयरहाउस की दक्षता बढ़ाकर और सभी अस्पतालों में चिकित्सा आपूर्ति के लिये वाहनों का संचालन करके ये पहल की गई हैं।
- CGMSCL का एक प्रमुख उद्देश्य सटीक स्थान पर आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
- GPS आधारित वाहन ट्रैकिंग सिस्टम का उद्देश्य स्टोर प्रभारी, वेयरहाउस प्रबंधकों और शीर्ष प्रबंधन को वास्तविक समय ट्रैकिंग, अनुमानित आगमन समय (ETA) तथा डिलीवरी के प्रमाण जैसी सुविधाओं के साथ सहायता करना है।
ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (Global Positioning System- GPS)
- GPS की शुरुआत वर्ष 1973 में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा की गई थी।
- GPS रिसीवर कुछ आवृत्तियों (50 बिट्स/सेकंड पर L1 और L2 आवृत्तियों) पर उपग्रहों द्वारा प्रदान किये गए रेडियो संकेतों को प्राप्त करता है और उनका आकलन करता है, जो अंतरिक्ष के तीन डायमेंशन एवं समय के एक डायमेंशन में सटीक स्थान निर्धारण में मदद करता है।