उत्तराखंड
प्रदेश में अब हर साल पाँच फीसदी महँगी हो जाएंगी सरकारी सेवाएँ: यूजर चार्जेस बढ़ाने का आदेश जारी
- 25 Jul 2023
- 3 min read
चर्चा में क्यों
22 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में दी जा रही सरकारी सेवाओं के एवज में वसूले जा रहे उपयोगकर्ता शुल्क (यूजर चार्जेस) अब हर साल पहली अप्रैल को पाँच फीसदी महँगे हो जाएंगे। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि उपयोगकर्ता शुल्क का आशय ऐसे किसी भी शुल्क से है, जिसे विभिन्न विभाग या एजेंसियों के माध्यम से वसूला जा रहा है।
- आदेश में कहा गया है कि नियमित रूप से शुल्क में कम बढ़ोतरी से लोगों पर एकमुश्त बोझ नहीं पड़ेगा और जनसेवाओं की मरम्मत और देखरेख के लिये धनराशि भी प्राप्त होती रहेगी। अभी तक विभागों के स्तर पर तीन से पाँच वर्ष के अंतराल में उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने की प्रवृत्ति थी, जो एकमुश्त अधिक दिखाई देता था।
- सभी विभागों को अपने-अपने वेब पोर्टल एप के माध्यम से यूजर चार्ज लेने के लिये यूपीआई की सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी। आदेश में उपयोगकर्ता शुल्क की दरों को प्रचलित बाज़ार की महँगाई से जोड़ना आवश्यक बताया गया है।
- यूजर चार्ज की बढ़ोतरी दर को पाँच फीसदी से कम करने का अधिकार केवल प्रदेश मंत्रिमंडल को होगा। वह औचित्यपूर्ण प्रस्ताव पर संशोधित दरों को कम कर सकता है।
- आदेश के मुताबिक, यदि किसी सेवा का यूजर चार्जेस न्यूनतम पाँच फीसदी से अधिक बढ़ाना औचित्यपूर्ण व व्यावहारिक हो तो विभाग इसके लिये सक्षम होंगे। संशोधित दरें इस तरह से लागू होंगी कि इकाई के संचालन की लागत और अपग्रेडेशन लागत वहन हो सके।
- गौरतलब है कि अस्पतालों में पर्ची शुल्क, रोगों की जाँच का शुल्क, ड्राइविंग लाइसेंस व उसका रिन्यूवल, आरसी, वाहनों का ट्रांसफर, आय प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, खाता-खतौनी की नकल, रजिस्ट्री की नकल, पेयजल बिल, समेत कई अन्य विभागीय सेवाओं के एवज में यूजर चार्ज वसूला जाता है, जो पहली अप्रैल को पाँच फीसदी बढ़ जाएगा।
- वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक, संपत्ति कर भी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल को पाँच फीसदी बढ़ जाएगा। इसके लिये वित्त विभाग अलग से आदेश जारी करेगा।