उत्तराखंड
चीन सीमा पर सड़कों पर पैसा खर्च करेगी सरकार
- 13 May 2024
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चर्चा में क्यों?
सूत्रों के मुताबिक, सरकार वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) के तहत उत्तराखंड और सिक्किम में चीन सीमा पर बनने वाली प्रत्येक किलोमीटर सड़क के लिये 2 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर सकती है।
मुख्य बिंदु:
- केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने चीन सीमा से लगे क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार के लिये अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम में VVP के तहत 113 सड़कों को मंज़ूरी दी है।
- अरुणाचल प्रदेश में जहाँ 105 सड़कों को मंज़ूरी दी गई है, वहीं उत्तराखंड में पाँच और सिक्किम में तीन सड़कों को भी मंज़ूरी दी गई है।
- गृह मंत्रालय के मंज़ूरी-पत्र के अनुसार, उत्तराखंड के पिथौरागढ ज़िले में 119 करोड़ रुपए की लागत से 43.96 किमी. सड़कें बनाई जानी हैं।
- प्रत्येक किलोमीटर सड़क पर 2.7 करोड़ रुपए की लागत आने की उम्मीद है। एक बार निर्माण के बाद, "परिसंपत्ति" का रखरखाव राज्य सरकार को करना होगा।
- सिक्किम में, VVP के तहत उत्तरी सिक्किम में चुंगथांग और मंगन ब्लॉक में 96 करोड़ रुपए की लागत से लगभग 18.73 किलोमीटर लंबी सड़कों एवं 350 मीटर स्टील पुलों को मंज़ूरी दी गई है।
- प्रत्येक किलोमीटर सड़क निर्माण पर 2.4 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
- यह एक केंद्रीय वित्तपोषित कार्यक्रम है जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट वर्ष 2022-23 (2025-26 तक) में उत्तर में सीमावर्ती गाँवों को विकसित करने और ऐसे सीमावर्ती गाँवों के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ की गई।
- इसमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र शामिल होंगे।
- इसके तहत 2,963 गाँवों को कवर किया जाएगा, जिनमें से 663 को पहले चरण में कवर किये जाएंगे
- ग्राम पंचायतों की सहायता से ज़िला प्रशासन द्वारा वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान बनाए जाएंगे
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की वजह से ‘सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ के साथ ओवरलैप की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।