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छत्तीसगढ़

नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का किया ज़िक्र

  • 08 Aug 2022
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

7 अगस्त, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का ज़िक्र किया।

प्रमुख बिंदु 

  • नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने बैठक से संबंधित एजेंडा बिंदुओं के अतिरिक्त राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी।
  • बैठक में प्रधानमंत्री ने विशेषकर गोधन न्याय योजना का ज़िक्र करते हुए कहा कि गोबर से तैयार हो रहे वर्मी कंपोस्ट खेतों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है, यह किसानों के हित में अच्छी योजना है।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में नीति आयोग ने प्रदेश के आकांक्षी ज़िलों के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की है। छत्तीसगढ़ अनाज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिये ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’, ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’लागू करने के साथ ही ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’गठित किया गया है।  
  • मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि फसल विविधीकरण एवं दलहल, तिलहन का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिये नवीन विकसित फसल किस्मों के नि:शुल्क बीज मिनी किट एवं ब्रीडर सीड बड़े पैमाने पर कृषि अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने चाहिये।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में इस दिशा में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल की स्थापना सहित अच्छी गुणवत्ता की अधोसंरचना, उपकरण, शैक्षिक तथा पाठ्यसहगामी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
  • नगरीय प्रशासन पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीन वर्षों से राज्य स्वच्छ सर्वेक्षण में बाजी मारी है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में बेहतर कार्य किये गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि शहरों के निकट स्थित ग्रामीण क्षेत्रों एवं 20 हज़ार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू किया जाए।
  • उन्होंने बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है, आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गई है, इसलिये जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के पश्चात् भी आगामी 05 वर्षों के लिये जारी रखा जाए।
  • इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्षों के केंद्रीय बजट में छतीसगढ़ को केंद्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ रुपए कम प्राप्त हुए हैं, जिससे राज्य के संसाधनों पर अत्यधिक दबाव की स्थिति निर्मित हुई है। केंद्रीय करों के हिस्से की राशि पूर्णत: राज्य को दी जाए।
  • मुख्यमंत्री ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 295 रुपए प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की। राज्य का लगभग 65 प्रतिशत खनिज राजस्व का स्रोत प्रदेश में संचालित लौह अयस्क खानें हैं। उन्होंने कोयला एवं अन्य मुख्य खनिजों की रॉयल्टी की दरों में संशोधन का अनुरोध किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा पर होने वाला व्यय केंद्र शासन द्वारा वहन किया जाना चाहिये। नक्सल उन्मूलन के लिये राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुए सुरक्षा व्यय 11 हज़ार 828 करोड़ रुपए को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते हुए राज्य को इस बकाया से मुक्त किया जाए।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के वनांचल 10 आकांक्षी ज़िलों में 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में वन संरक्षण अधिनियम के तहत छूट देने का भी आग्रह किया। इसके साथ ही उन्होने नवीन पेंशन योजना में जमा राशि की वापसी, जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने सहित अन्य लंबित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया।

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