गोबर धन योजना | 06 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) द्वारा राज्य में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत 200 से अधिक छात्रों का मध्याह्न भोजन तैयार करने वाले 2549 स्कूलों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 9500 बायोगैस संयंत्र लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- प्रमुख बिंदु
- इसके तहत खाना पकाने के लिये पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम करने के लिये आवश्यकता एवं माँग के अनुसार सामुदायिक, सामूहिक एवं व्यक्तिगत बायोगैस संयंत्र स्थापित किये जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण द्वितीय चरण के अंतर्गत स्वच्छता के लिये व्यापक पैमाने पर काम किया जा रहा है। खाना पकाने के लिये रसोई को भी स्वच्छ एवं धुआँरहित बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
- इसी क्रम में गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो एग्रो रिसोर्सेस (गोबर धन) परियोजना के तहत गैस संयंत्र निर्माण किया जा रहा है।
- कोविडबायो-19 महामारी के दौरान स्कूल बंद होने के कारण प्रत्येक ज़िले में कम-से-कम एक गोशाला में तथा 5 से 10 घरों के बीच 20 से 25 सामूहिक बायोगैस संयंत्र लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
- बायोगैस संयंत्रों को बढ़ावा देने के लिये जन-भागीदारी एवं सामाजिक व्यवहार परिवर्तन हेतु भी प्रयास जारी है।
- इस कार्य में शासकीय एजेंसी के रूप में ऊर्जा विकास निगम तथा एमपी एग्रो से सहयोग लिया जा रहा है।
- बायोगैस संयंत्र के लिये ग्राम पंचायत स्थल चयन कर अनुशंसा सहित प्रस्ताव जनपद पंचायत को प्रेषित करेगी। जनपद से प्रस्ताव ज़िला पंचायत में पहुँचाए जाएंगे, जहाँ ज़िलास्तरीय तकनीकी समिति द्वारा परीक्षण उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाएगी।
- गौरतलब है कि 12 मई, 2018 को तत्कालीन केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन में गोबर धन योजना (GOBARdhan: Galvanizing Organic Bio Agro Resources) का शुभारंभ किया था।