प्रत्येक राजकीय भवन की होगी जिओ-टैगिंग | 19 Oct 2022

चर्चा में क्यों?

18 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न विभागों व उपक्रमों की परिसंपत्तियों, योजनाओं एवं कार्यों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के माध्यम से जिओ-टैगिंग कर उन्हें मैप से जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। इस हेतु प्रारंभ में 153.80 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से अब राज्यव्यापी जीआईएस प्रणाली के माध्यम से सभी विभाग अपनी परिसंपत्तियों, सुविधाओं, योजनाओं व कार्यक्रमों का भू-स्थानिक डाटा जीआईएस आधारित प्लेटफॉर्म से जोड़ सकेंगे। इससे संसाधन संग्रहण एवं वितरण, विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के नीति नियोजन के संबंध में निर्णय लेने और उनके निरीक्षण में आसानी होगी।
  • उक्त निर्णय से विभिन्न विभागीय योजनाओं एवं कार्यों के भू-चिह्नित सर्वेक्षण से क्षेत्रीय स्तर पर सेवा प्रदायगी बेहतर हो सकेगी। आपदा या महामारी के दौरान संसाधनों का बेहतर प्रबंधन भी इस प्रणाली के माध्यम से हो सकेगा। साथ ही, राज्य के सभी राजकीय भवन एक ही मैप पर उपलब्ध होंगे तथा आमजन के लिये इन भवनों तक पहुँचना आसान हो सकेगा।
  • उल्लेखनीय है कि जिओ-टैगिंग के अंतर्गत एक मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। विभिन्न विभागों, जैसे- महिला एवं बाल विकास विभाग, पीएचईडी, भू-जल विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आदि द्वारा ऐप का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।
  • जीआईएस एक ऐसी प्रणाली है, जिसे पृथ्वी की सतह पर भौगोलिक स्थितियों के संबंध में डाटा एकत्रित करने, संग्रहित करने, संशोधन करने तथा विश्लेषण करने के लिये बनाया गया है। साथ ही, इस प्रणाली से डाटा प्रबंधित करने तथा प्रस्तुत करने का कार्य भी किया जा सकता है।