केंद्रीय गृह मंत्री ने किया ‘गाथा स्वराज की’ प्रदर्शनी का उद्घाटन | 17 Oct 2022

चर्चा में क्यों?

16 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने मध्य प्रदेश दौरे के दौरान ग्वालियर के जयविलास पैलेस स्थित म्यूजियम में ‘गाथा स्वराज की’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • ‘गाथा स्वराज की’गैलरी को मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज और सिंधिया साम्राज्य के संस्थापक महादजी सिंधिया को समर्पित किया गया है। प्रदर्शनी में देश के प्रमुख मराठा शासक सिंधिया, गायकवाड़, होल्कर, नेवालकर, भोंसले और पंवार जैसी तीस मराठा रियासतों का उल्लेख किया गया है।
  • मराठा गैलरी में तैयार की गई मराठा क्षत्राणियों के स्टैंड में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई को भी मराठा क्षत्राणी के रूप में स्थान दिया गया है। इसमें वीरांगना झाँसी की रानी के अलावा सिंधिया रियासत की महारानी रहीं वैजाबाई से लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया तक के सुंदर और भावनात्मक पोट्रेट लगाए गए हैं।
  • जयविलास महल भव्यता और सुंदरता का अनुपम उदाहरण है। सिंधिया खानदान के इतिहास का वर्णन करने वाले इस महल के ही एक हिस्से में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रहते हैं तो वहीं इसके दूसरे हिस्से को भव्य संग्रहालय में बदल दिया गया है।
  • गौरतलब है कि यह महल तकरीबन 40 एकड़ (12 लाख स्क्वायर फीट) में फैला हुआ है। ग्वालियर रियासत के महाराज जयाजीराव सिंधिया ने इस खूबसूरत महल को साल 1874 में बनवाया था, जो कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के दादा थे। फ्राँसीसी आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस ने इस महल को डिज़ाइन किया था।
  • जयविलास में चार सौ कमरे हैं। 1874 में जयविलास के निर्माण में एक करोड़ रुपए खर्च हुए थे। विदेशी कारीगरों की मदद से जयविलास महल को बनाने में 12 साल का समय लगा था। जयविलास पैलेस में साल 1964 में म्यूजियम शुरू हुआ।
  • महल की दूसरी मंजिल पर बने दरबार हॉल को जयविलास महल की शान कहा जाता है। हॉल की दीवारों और छत को पूरी तरह सोने-हीरे-जवाहरात से सजाया गया है। इस पर दुनिया का सबसे ज़्यादा वज़नी (3500 किग्रा.) झूमर लगाया गया है।
  • जयविलास पैलेस इटली की टस्कन और कोरिंथियन शैली में बना न केवल भारत, बल्कि दुनिया के चुनिंदा महलों में से एक है। दिवंगत राजमाता विजयाराजे सिंधिया द्वारा अपने पति महाराजा जीवाजी राव सिंधिया की स्मृति में महल में एक म्यूजियम का निर्माण कराया गया था, जिसमें सिंधिया राज परिवार की गाथा कहते हुए उनके परिवार से जुड़े सामानों को संरक्षित किया गया है। यह म्यूजियम दुनिया के गिने-चुने शाही म्यूजियमों में से एक है, जिसे देखने देश-दुनिया से हज़ारों दर्शक हर वर्ष ग्वालियर पहुँचते हैं।