नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

हरियाणा

पूर्व आईपीएस अधिकारी राजबीर देसवाल की 22वीं पुस्तक ‘जींद अंटा- स्टोरीज ऑफ सिक्सटीज’ का हुआ विमोचन

  • 25 Jul 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

22 जुलाई, 2023 हरियाणा के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी ने पुलिस ऑफिसर्स मेस, मोगीनंद, पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम में राजबीर देसवाल, आईपीएस (सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) द्वारा लिखित ‘जींद अंटा-स्टोरीज ऑफ सिक्सटीज’नामक पुस्तक का विमोचन किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि गत कुछ वर्षों में राजबीर देसवाल द्वारा लिखी गई यह उनकी 22वीं पुस्तक है। 
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव ने ‘जींद अंटा-स्टोरीज ऑफ सिक्सटीज’पुस्तक को महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से जींद शहर के इतिहास का पता चलता है। यह पुस्तक पाठकों को  ‘जींद- एक शहर जो चैन की नींद सोता है’से भी अवगत कराएगी। 
  • एक पूर्व पुलिसकर्मी, लेखक, गायक, संगीतकार, फोटोग्राफर और वकील की भूमिका में राजबीर देसवाल एक विरल उत्साह के बहुप्रतिभावान व्यक्ति हैं। पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एक अन्य पुस्तक  ‘टी बैग्स’पर भी कार्य कर रहे हैं। 
  • वर्तमान पुस्तक ‘जींद-अंटा: स्टोरीज ऑफ सिक्सटीज’लेखक के गाँव और छोटे से शहर जींद में बिताए बचपन की एक पुरानी याद है। हालाँकि यह एक छोटा सा जैव आत्मकथात्मक रेखाचित्र है, यह दस्तावेज़ प्रचलित सांस्कृतिक, सामाजिक, पारिवारिक, परिवेश या बीते समय की विचारधारा के बारे में अधिक बात करता है। 
  • यह पुस्तक प्रथाओं, परंपराओं, रीति-रिवाजों, पहनावे की शैलियों, मनोरंजन और एक साधारण जीवनशैली के अन्य पहलुओं का दस्तावेजीकरण करती है, जिन्हें सरल और सामान्य माना जाता है।  
  • इसके दो भाग हैं: पहला भाग अंटा नामक गाँव में व्याप्त वातावरण से संबंधित है और दूसरा भाग डेविड कॉपरफील्ड जैसे एक बड़े होते लड़के के अनुभवों से संबंधित है, जो उस मुफस्सिल शहर में हर किसी को पसंदीदा लगता था।  
  • टैग लाइनों में जींद के मुफस्सिल शहर का वर्णन किया गया है- ‘एक ऐसा शहर जो चैन की नींद सोता था’और टैगलाइन - ‘चंद्रमा कभी-कभी यहाँ विश्राम करता है’, जो गाँव अंटा के ग्रामीण इलाकों में प्राचीन और जंगली परिवेश का वर्णन करती है।  
  • यह राजबीर देसवाल की 22वीं किताब है, जिसमें तीन भाषाओं- हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू में कविता पर आठ किताबें शामिल हैं। राजबीर देसवाल की कहानियाँ पाठकों द्वारा बहुत बार पढ़ी जाती हैं और वह भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ में प्रैक्टिस करते हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2