डोल मेले का विधिवत शुभारंभ | 27 Sep 2023

 चर्चा में क्यों?

  • 26 सितंबर, 2023 को प्रदेश के बारां ज़िला प्रमुख उर्मिला जैन भाया ने नगर परिषद की ओर से बारां ज़िले में डोल तालाब के किनारे 15 दिवसीय डोल मेले का फीता काटकर विधिवत शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश के खान व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि हाड़ौती का विख्यात डोल मेला पुरखों की अनुपम विरासत और समृद्ध संस्कृति का परिचायक है, इसे संरक्षित और पोषित करना राज्य की नैतिक ज़िम्मेदारी है।
  • राज्य सरकार ने मेले का वैभव बढ़ाने के लिये 25 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य कराए हैं, आगामी दिनों में 50 करोड़ रुपए की राशि से और नए कार्य होंगे।
  • डोल मेले का इतिहास-
    • बूंदी के महाराव सुरजन हाड़ा ने अकबर को रणथंभौर का किला सौंप दिया था। उस समय वहाँ से दो देव मूर्तियों को लाया गया था, उनमें एक रंगनाथ जी और दूसरी कल्याणराय जी की थी। रंगनाथ जी की मूर्ति को बूंदी में स्थापित किया गया और कल्याणराय जी की मूर्ति को बारां लाया गया था। बूंदी की तत्कालीन रानी ने यहाँ इनका मंदिर बनवाया और मूर्ति को स्थापित किया। उसके बाद से ही यहाँ पहले कुछ दिन का मेला शुरू हुआ और आज यह विशाल रूप ले चुका है।