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मध्य प्रदेश

मेपकॉस्ट और वन विभाग द्वारा वन बायोमास मैपिंग कार्य शुरू

  • 29 Mar 2023
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

28 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट) के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. जीडी बैरागी ने बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए नवाचार के क्रम में मेपकॉस्ट ने वन विभाग के सहयोग से फॉरेस्ट बायोमास की मैपिंग का कार्य शुरू किया है।

प्रमुख बिंदु

  • खास बात यह है कि मेपकास्ट द्वारा की जाने वाली इस मैपिंग से मिले परिणाम का केलीब्रेशन और वेलीडेशन (मिलान) जनवरी 2024 में लांच होने वाले निसार सेटेलाइट डाटा से किया जाएगा। यह सेटेलाइट, नासा और इसरो के संयुक्त तत्वावधान में शुरू किये गए नासा इसरो सिंथेटिक अर्पचर राडार (निसार) प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
  • वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. जीडी बैरागी ने बताया कि सेटेलाइट में मुख्य रूप से दो बैंड एल और एस भेजे जा रहे हैं। एक हेक्टेयर के प्लॉट से प्राप्त किये गए डेटा का मिलान सेटेलाइट के एल बैंड सेंसर के माध्यम से किया जायेगा। यह मध्य प्रदेश के लिये वन वायोमास आकलन के लिये उपयोगी होगा। अब बायोमास की मैपिंग सेटेलाइट के माध्यम से भी जाँच सकेंगे।
  • डॉ. बैरागी ने बताया कि यह काम मेपकास्ट और इसरो की टीम द्वारा किया जा रहा है। फॉरेस्ट बायोमास की मैपिंग के लिये नर्मदापुरम ज़िले को चिन्हित किया गया है। यहाँ एक हेक्टेयर के 10 प्लाट पर स्थायी तौर पर मैपिंग का कार्य किया जाएगा। स्थायी प्लॉट्स पर वर्ष में एक बार भौतिक रूप से बायोमास मैपिंग का कार्य किया जाएगा। इसमें पेड़ की ऊँचाई, मोटाई, शाखाओं की गिनती आदि को नापकर बायोमास निकाला जाएगा।
  • डॉ. बैरागी ने बताया कि इस परियोजना से प्राप्त परिणाम से सेटेलाइट से वन वायोमास की मेपिंग की जा सकेगी, जिसका उपयोग वन और पर्यावरण-संरक्षण में होगा।
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