घरेलू हिंसा पीड़ित विदेशी नागरिक भारत में दर्ज करा सकती है शिकायत | 25 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने एक महत्त्वपूर्ण फैसले में कहा है कि घरेलू हिंसा की पीड़ित विदेशी नागरिक भी अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती है, बशर्ते उसके साथ हिंसा भारत में रहने के दौरान हुई हो।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि कैथरीन नामक महिला ने 2019 में जोधपुर में रहने के दौरान अपने पति रॉबर्टो के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी। रॉबर्टो ने शिकायत के खिलाफ पहले मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में और उसके बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत (महिला अत्याचार मामले) में चुनौती दी।
- दोनों अदालतों से याचिका खारिज होने के बाद रॉबर्टो ने कैथरीन के भारतीय नागरिक न होने का हवाला देते हुए शिकायत के सुनवाई योग्य न होने के आधार पर दोनों फैसलों को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
- मामले पर बहस करते हुए याचिकाकर्त्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्त्त और प्रतिवादी भारतीय नागरिक नहीं हैं। इसका विरोध करते हुए प्रतिवादी के वकील ने कहा कि घरेलू हिंसा कानून 2005 की धारा 2 (ए) के अनुसार ‘पीड़ित व्यक्ति’ की परिभाषा दी गई और खुद परिभाषा के अनुसार, विदेशी नागरिक समेत कोई भी महिला, जो घरेलू हिंसा का शिकार हुई है, वह निचली अदालत में अर्ज़ी दायर कर सकती है।
- दलीलों को सुनने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस विनीत कुमार माथुर ने कहा कि प्रतिवादी पिछले करीब 25 वर्षों से जोधपुर में रह रही है और याचिकाकर्त्ता से शादी करने के बाद शिकायत में दर्ज घटना जोधपुर की है तथा घरेलू हिंसा कानून 2005 की धारा 2 (ए) और 12 के तहत निकली परिभाषाओं के मद्देनज़र कैथरीन की शिकायत सुनवाई योग्य है।