काशी विद्यापीठ के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति होंगी मुख्य अतिथि | 02 Dec 2023
चर्चा में क्यों?
29 नवंबर, 2023 को केंद्रीय पुस्तकालय के सभागार में हुई बैठक में बताया गया कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि होंगी।
प्रमुख बिंदु
- विश्वविद्यालय का 45वाँ दीक्षांत समारोह 11 दिसंबर, 2023 को आयोजित किया जाएगा। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदी बेन पटेल करेंगी
- महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित एक विश्वविद्यालय है। पहले इसे केवल काशी विद्यापीठ के नाम से ही जाना जाता था, किंतु बाद (11 जुलाई, 1995) में इसे भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुन: समर्पित किया गया और उनका नाम इसके साथ जोड़ दिया गया।
- काशी विद्यापीठ की स्थापना असहयोग आंदोलन के समय 10 फरवरी, 1921 (बसंत पंचमी के पावन अवसर पर) को बाबू शिव प्रसाद गुप्त द्वारा भदैनी, वाराणसी में की गई थी। गांधीजी ने इसकी आधारशिला रखी थी। शीघ्र ही काशी विद्यापीठ हिन्दी माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा का केंद्र बन गया।
- जुलाई 1963 में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मानद विश्वविद्यालय घोषित किया गया। 15 जनवरी, 1975 से इसे चार्टर्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया गया।
- महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व छात्रों में शामिल हैं-
- चंद्रशेखर आजाद, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
- लाल बहादुर शास्त्री, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
- रामकृष्ण हेगड़े, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री
- बी.वी. केसकर, भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री
- कलराज मिश्र, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल
- भोला पासवान शास्त्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री
- त्रिभुवन नारायण सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
- कमलापति त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री