सीसीएल (CCL) की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर | 01 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
31 अगस्त, 2021 को हज़ारीबाग के बड़कागाँव की रहने वाली आकांक्षा कुमारी सीसीएल की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनी हैं।
प्रमुख बिंदु
- सीसीएल के चार दशक के इतिहास में यह पहली बार है जब एक महिला माइनिंग इंजीनियर ने अपना योगदान दिया है। आकांक्षा ने नॉर्थ कर्णपुरा क्षेत्र के चूरी भूमिगत खदान में ड्यूटी ज़्वाइन की।
- आकांक्षा कोल इंडिया की दूसरी और भूमिगत खदान में योगदान देने वाली पहली महिला माइनिंग इंजीनियर हैं। उन्होंने अपने इंजीनियरिंग कोर्स में माइनिंग को चुनकर न सिर्फ इस भ्रांति को तोड़ा है कि खनन क्षेत्र सिर्फ पुरुषों के लिये है, बल्कि अपने जैसे और भी महत्त्वाकांक्षी छात्राओं को प्रेरित किया है।
- उल्लेखनीय है कि आकांक्षा के पिता अशोक कुमार बड़कागाँव के एक स्कूल में शिक्षक हैं और माता मालती कुमारी गृहिणी हैं। इन्होंने अपनी स्कू्ली पढ़ाई नवोदय विद्यालय से की है।
- ज्ञातव्य है कि आकांक्षा कुमारी ने 2018 में बीआईटी (सिंदरी) धनबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। कोल इंडिया में अपना योगदान देने से पहले उन्होंने तीन वर्ष तक हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की राजस्थान स्थित बल्लानरिया खदान में काम किया।