लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

उत्तराखंड

उत्तराखंड में खुलेगा पहला सरकारी ड्रोन संस्थान व रिपेयरिंग सेंटर

  • 03 Dec 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों? 

2 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में ड्रोन की मदद से विभागों के काम आसान करने और युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिये राज्य सरकार ड्रोन संस्थान खोलेगी। इससे ड्रोन के निर्माण, संचालन और मरम्मत की राह आसान हो जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने उत्तराखंड में ड्रोन के निर्माण से लेकर रिपेयरिंग, निवेशकों को आकर्षित करने के लिये ड्रोन पॉलिसी बनाकर शासन को भेजी है। पॉलिसी में तेलंगाना की ड्रोन पॉलिसी की तर्ज पर कई अहम बदलाव किये गए हैं। ड्रोन पॉलिसी पर सरकार जल्द कैबिनेट में निर्णय ले सकती है।
  • इसके तहत ड्रोन कॉरिडोर के अलावा सरकारी ड्रोन संस्थान, रिपेयरिंग सेंटर खोलने का भी प्रावधान किया जा रहा है।
  • जानकारी के अनुसार ऐसा ड्रोन इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा जो युवाओं को ट्रेनिंग संग सरकारी विभागों में ड्रोन की जरूरतों को चिह्नित करेगा। इसकी मदद से विभाग ड्रोन से अपने काम आसान कर सकेंगे। वहीं, प्रदेश में ड्रोन रिपेयरिंग सेंटर भी खोले जा सकेंगे।
  • ड्रोन पॉलिसी में यह प्रावधान किया गया है कि ड्रोन निर्माता और सेवा प्रदाता अपने उत्पाद का निशुल्क ट्रायल कर सकेंगे। इसके लिये फ्री फ्लाई ज़ोन तैयार किया जाएगा। ड्रोन के टेकऑफ और लैंडिंग के लिये एयरस्ट्रिप, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन, मेकेनिकल और इलेक्ट्रिकल लैब, हैंगर, ट्रेनिंग, हेलीपैड, सपोर्ट स्पेशलिस्ट, रिचार्जिंग स्टेशन आदि की सुविधा दी जाएगी।
  • पॉलिसी में यह भी प्रावधान किया गया है कि सरकार एक फेसिलिटेशन सेल खोलेगी जिसमें ड्रोन के लाइसेंस और पंजीकरण की सुविधा मिलेगी। सरकार का मकसद है कि डीजीसीए के नियमों का अनुपालन सख्ती से हो और ड्रोन को बढ़ावा भी मिले। यह सेल ड्रोन निर्माण के परमिट में भी मदद करेगी।
  • ड्रोन की सुरक्षित उड़ान को लेकर रिटायर्ड आर्मी अफसरों, जवानों और पुलिसकर्मियों की मदद से स्पेशल एडवाइजरी बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह बोर्ड सेना के अपने अनुभवों के आधार पर ड्रोन की सुरक्षित उड़ान को लेकर जरूरी सलाह देगा।
  • प्रदेश के सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक संस्थानों में भी आईटीडीए की मदद से युवाओं को ड्रोन संचालन और रखरखाव की ट्रेनिंग दी जाएगी। एरियल फोटोग्राफी, सर्विलांस, रिमोट सेंसिंग को लेकर विशेष प्रोग्राम संचालित किये जाएंगे। ड्रोन इंजीनियरिंग में काम कर रहे विश्वविद्यालय से भी समझौता किया जाएगा। ड्रोन के रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • निर्माताओं को लाभ-
    • एक निश्चित अवधि तक निर्माताओं को एसजीएसटी में 100 प्रतिशत छूट दी जा सकती है।
    • वह अधिकतम पाँच करोड़ रुपए तक निवेश कर सकते हैं।
    • उन्हें प्रोजेक्ट में 25 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी, जो अधिकतम तीन करोड़ तक होगी।
    • 10 साल तक लीज़ या किराये पर 30 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।
    • ज़मीन खरीदने पर स्टांप शुल्क में 100 प्रतिशत छूट जैसे प्रावधान।
  • सेवा प्रदाताओं को लाभ-
    • 50 लाख तक के निवेश पर 25 प्रतिशत सब्सिडी,
    • पाँच लाख तक के लीज़ या किराये पर 30 प्रतिशत सब्सिडी,
    • कई प्रदर्शनियों में ड्रोन का स्टॉल लगाने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
    • इंटरनेट शुल्क में 100 प्रतिशत तक छूट,
    • राज्य सरकार की ओर से चिह्नित क्षेत्र में रिसर्च पर 10 लाख रुपए तक की ग्रांट मिलेगी।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2