महिला आरक्षक को लिंग परिवर्तन कराने की मिली अनुमति | 03 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश में गृह विभाग ने पहली बार किसी महिला को लिंग परिवर्तन कराने की अनुमति दी है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि इस महिला आरक्षक ने पुरुष बनने के लिये लिंग परिवर्तन कराने की अनुमति मांगी थी। जिन्हें पुलिस महानिदेशक ने लिंग परिवर्तन करवाने की अनुमति दी है।
- राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सकों ने इस बात की पुष्टि की है कि महिला आरक्षक को बचपन से ही जेंडर आइडेंटिटी संबंधी डिसऑर्डर रहा है।
- महिला आरक्षक ने अपने ज़िले में पुरुषों की तरह पुलिस के काम किये हैं। साथ ही विधिवत आवेदन दिया व शपथ-पत्र पेश किया।
- भारत सरकार के राजपत्र में 2019 में लिंग बदलने की मंशा की अधिसूचना प्रकाशित की गई थी। इसके बाद ही आवेदन पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था। पुलिस मुख्यालय ने इस आवेदन पर गृह विभाग से अनुमति मांगी थी।
- विधि विभाग ने गृह विभाग को दिये परामर्श में कहा था कि भारतीय नागरिक को उसके धर्म या जाति पर ध्यान दिये बिना अपने लिंग का चुनाव करने की स्वतंत्रता है। इसके बाद अनिता को लिंग परिवर्तन की अनुमति देने में कोई दिक्कत नहीं है।
- उल्लेखनीय है कि पाँच वर्ष पहले बीड की 29 वर्षीय महिला कॉन्स्टेबल ललिता साल्वे ने लिंग परिवर्तन की अनुमति मांगी थी। वह देश का पहला केस था। तमाम कानूनी अड़चनों को दूर करने के बाद वह ललिता साल्वे से ललित साल्वे बन गई थीं।
- जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर/जेंडर डिस्फोरिया वह स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति को यह महसूस होता है कि उसका प्राकृतिक लिंग उसकी लैंगिक पहचान से मेल नहीं खाता।