उत्तर प्रदेश
यूपी के विज़नरी यूथ को ब्लॉकों में फेलोशिप
- 06 Jul 2022
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के ब्लॉकों में विकास की रफ्तार तेज करने के लिये विज़नरी यूथ की सेवाएँ लेने हेतु नियमावली बनाने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- इसके अंतर्गत विकास खंडों के विकास के लिये विज़नरी यूथ को 2 साल की विशिष्ट फेलोशिप के ज़रिये मौका मिलेगा।
- मुख्यमंत्री ने प्रत्येक नगर निगम में आगे की योजना बनाने के लिये टाउन प्लानर की नियुक्ति का आदेश दिया है। उन्हें 2 साल की फेलोशिप मिलेगी।
- इसके साथ ही वारिस के नाम प्रापर्टी ट्रांसफर या गिफ्ट डीड करने के मामले में दाखिल-खारिज़ पर अब क्रमश: 5 हज़ार रुपए और 10 हज़ार रुपए ही शुल्क देना होगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जनहित के लिये विकास प्राधिकरणों में संपत्ति के नामांतरण (म्यूटेशन) की प्रक्रिया का सरलीकरण ज़रूरी है। मौज़ूदा समय संपत्ति की कुल कीमत का म्यूटेशन शुल्क एक फीसदी लिया जा रहा है। इसे कम करने की ज़रूरत है। मौज़ूदा प्रक्रिया भी काफी जटिल है, इसे तकनीक के सहयोग से व्यावहारिक बनाया जाए।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकांक्षात्मक विकास खंडों के उचित विकास के लिये विशिष्ट फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किये जाने के निर्देश दिये। यह फेलोशिप दो वर्ष के लिये होगी। इसमें तकनीकी, प्रबंधन डिग्रीधारी विज़नरी युवाओं को तैनात किया जाएगा।
- इसमें युवाओं का चयन पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम किया जाएगा। अच्छी मासिक धनराशि दी जाएगी। इन्हें टैबलेट, स्मार्टफोन आदि तकनीकी उपकरण भी दिये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल और अंबार शुल्क की दरें हर साल तय की जाएं। इसके लिये आयकर विभाग के कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स को आधार बनाया जाए।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फ्री होल्ड या गिफ्ट की जाने वाली संपत्ति के मूल्य के आधार पर अधिकतम 10,000 रुपए म्यूटेशन शुल्क लिया जाए। लीज संपत्ति की स्थिति में एक फीसदी म्यूटेशन फीस ली जा सकती है।
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विकास प्राधिकरणों द्वारा निवासियों से जल शुल्क लेने की व्यवस्था की जाए। अधिकांश विकास प्राधिकरणों में जल शुल्क नहीं लिया जा रहा है। लखनऊ व वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा अपने स्तर पर निर्धारित शुल्क पर जल शुल्क लिया जा रहा है। इसके लिये नियमावली बनाई जाए।
- मुख्यमंत्री ने लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर का काम दो माह में शुरू करने का निर्देश दिया। यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी। गोमती नदी के दोनों तटों और नैमिषारण्य अतिथि भवन के आसपास कुछ झुग्गी बस्तियाँ हैं। इनका चिह्नीकरण कर यहाँ के निवासियों को कहीं और बसाया जाए।
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बटलर झील को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाए। विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय, प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियाँ व रिहायशी कॉलोनी न बसने पाए।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि मई 2022 को बेसलाइन मानते हुए चयनित इंडिकेटर पर ब्लॉकवार सूचना वर्तमान माह के अंत में एकत्रित कर ली जाए। इसके बाद प्रत्येक माह की 15 तारीख तक संबंधित ज़िलों द्वारा ताजा प्रगति विवरण फीड की जाए। इसकी पुष्टि संबंधित विभागों द्वारा भी कराई जाए। इसकी प्रगति को सीएम डैशबोर्ड से भी जोड़ा जाए।