स्वैच्छिक पुनर्स्थापन स्वीकार करने वाले प्रत्येक परिवार को 10 लाख की जगह 15 लाख का मिलेगा मुआवजा | 01 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
31दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने बताया है कि प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों और टाईगर रिजर्व कॉरीडोर क्षेत्र के ग्राम से स्वैच्छिक पुनर्स्थापन स्वीकार करने वाले परिवार इकाइयों को प्रति परिवार अब 15 लाख रुपए दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके पहले वर्ष 2008 से संरक्षित ग्रामों से विस्थापन के लिये मुआवज़ा राशि प्रति परिवार इकाई 10 लाख रुपए दी जाती थी।
- वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि राज्य ने इस संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया था। प्रस्ताव पर भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली ने प्रस्तावित मुआवज़ा राशि को अपनी मंज़ूरी दे दी।
- मंत्रि-परिषद की 7 दिसंबर 2021 को हुई बैठक में पुनर्वास के लिये मुआवज़ा पैकेज में बढ़ोतरी सहित योजना क्र. 5109 की निरंतरता को अनुमोदित किया गया।
- वर्ष 2022-23 में पुनर्स्थापन के लिये 300 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इसमें कैंपा मद से 285 करोड़ और योजना क्रमांक 5109 में पुनर्स्थापन के लिये 15 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गए हैं। इस व्यवस्था के लागू होने से संजय टाइगर रिज़र्व नौरादेही अभयारण्य और रातापानी अभयारण्य के आस-पास रहने वाले परिवारों का पुनर्स्थापन हो सकेगा।
- मुआवजा पैकेज में वृद्धि होने से दुर्गम वन क्षेत्रों के भीतर बसे ग्रामीणों को पुनर्स्थापित होकर विकास की मुख्य-धारा से जुड़ने को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही दुर्गम वन क्षेत्रों में मानवीय व्यवधान कम होने से मानव-वन्य-प्राणी द्वंद्व में भी कमी आएगी और वन्य-प्राणी संरक्षण और अधिक सुदृढ़ हो सकेगा।
- ऐसे वन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामवासियों ने स्वैच्छिक रूप से पुनर्स्थापित होने का विकल्प चुना, जिसमें 16 हज़ार परिवार इकाइयों को नवीन रहवास स्थलों में पुनर्स्थापित कराया जा चुका है।