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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में लघु जलविद्युत परियोजनाओं की स्थापना को मिलेगा बढ़ावा

  • 07 Sep 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद द्वारा लघु जलविद्युत नीति की अवधि में 10 वर्ष की वृद्धि का निर्णय लिया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में लघु जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये विभागीय नीति-2012 की अवधि में वृद्धि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
  • वर्तमान में 25 मेगावाट क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु जारी अधिसूचना, जिसकी अवधि फरवरी 2022 में समाप्त हो चुकी है, में 10 वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
  • गौरतलब है कि ऊर्जा विभाग द्वारा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के अंतर्गत 25 मेगावाट क्षमता तक की जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहन देने हेतु वर्ष 2012 में लघु जल विद्युत नीति प्रारंभ की गई, जिसकी समय-सीमा 10 वर्ष पश्चात् फरवरी, 2022 को समाप्त हो गई है।
  • विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार राज्य में उपलब्ध जल स्रोतों के उचित दोहन एवं निवेश को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से लघु जल विद्युत नीति की अवधि में वृद्धि किया जाना राज्यहित में है।
  • उल्लेखनीय है कि पीक घंटों में पावर मैनेजमेंट राज्य की वितरण कंपनी के लिये एक बड़ी समस्या है। अत: पंप आधारित जल विद्युत परियोजनाओं के अंतर्गत जल का उचित भंडारण एवं प्रबंधन कर पीक घंटों में अतिरिक्त विद्युत उत्पादन किया जा सकता है, जो कि राज्य की वितरण कंपनी के पावर मैनेजमेंट तथा ऊर्जा क्रय बाध्यता पूरी करने में सहायक होगी।
  • वर्तमान में राज्य में 65 मेगावाट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त लगभग 83 मेगावाट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजनाओं हेतु निवेशकों द्वारा पीपीए निष्पादन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा 171 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं का अंतर्राज्यीय स्वीकृत प्रक्रियागत है।
  • प्रारंभिक सर्वे के उपरांत 385 मेगावट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजना की स्थापना हेतु लगभग 25 स्थलों का चिह्नांकन किया जा चुका है। राज्य में लघु जलविद्युत परियोजनाओं में निवेश को आकर्षित करने हेतु लघु जलविद्युत नीति की अवधि में 10 वर्ष की और वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।
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