इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

आक्रामक जलीय खरपतवारों का उन्मूलन

  • 12 Jul 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में साइरटोबैगस साल्विनिया नामक एक बाह्य प्रजाति के बीटल ने मध्य प्रदेश के बैतूल ज़िले में तवा नदी पर बने सारणी जलाशय (सतपुड़ा बाँध) से एक आक्रामक खरपतवार प्रजाति, साल्विनिया मोलेस्टा को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है।

मुख्य बिंदु:

  • जबलपुर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय (ICAR-DWR) के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया कि साइरटोबैगस साल्विनिया, एक ब्राज़ीलियाई जैव कारक जो विशेष रूप से साल्विनिया मोलेस्टा को लक्षित करता है, को गहन शोध और आवश्यक सरकारी अनुमोदन के बाद भारत में आयात किया गया था।

साल्विनिया मोलेस्टा (Salvinia molesta) 

  • यह एक जलीय फर्न है जो दक्षिण-पूर्वी ब्राज़ील में पाया जाता है। इसे विशाल साल्विनिया या करिबा खरपतवार के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसने ज़िम्बाब्वे और ज़ाम्बिया के बीच करिबा झील के एक बड़े क्षेत्र को दूषित कर दिया था।
  • साल्विनिया की विशेषताओं में छोटे, शाखाओं वाले, तैरते हुए तने शामिल हैं, जिनमें पत्ती की सतह पर रोम होते हैं, लेकिन कोई मूल जड़ नहीं होती है। 
  • पत्तियाँ त्रिगुणित चक्रों में व्यवस्थित होती हैं, जिसमें एक पत्ती बारीक विभाजित, जड़ जैसी और लटकती हुई होती है, जबकि शेष अन्य दो हरी, अवृंत या छोटी-पेटियोलेट एवं सपाट होती हैं। 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research- ICAR)

  • यह कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है।
  • इसकी स्थापना 16 जुलाई, 1929 को हुई थी और इसे पहले इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के नाम से जाना जाता था। 
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • यह पूरे देश में बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान सहित कृषि में अनुसंधान तथा शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन एवं प्रबंधन के लिये सर्वोच्च निकाय है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2