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फरीदाबाद और गुरुग्राम ज़िले में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर उच्च जोखिम और हाई डेंसिटी वाले गलियारों में इलेक्ट्रॉनिक एनफोर्समेंट उपकरण लगाए जाएंगे

  • 16 Feb 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि राज्य सरकार ने फरीदाबाद और गुरुग्राम ज़िले में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों और महत्त्वपूर्ण जंक्शनों पर उच्च जोखिम और हाई डेंसिटी वाले कॉरिडोर पर इलेक्ट्रॉनिक एन्फोर्समेंट उपकरणों को लगाने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136ए के प्रावधान को लागू करने के लिये तौर-तरीके स्थापित करने के संबंध में एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आवश्यकता का आकलन करने के लिये विभिन्न विशेषज्ञों को नियुक्त करें।
  • ये विशेषज्ञ राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं की निगरानी और जाँच करने के लिये स्पीड कैमरा, क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरा, स्पीड गन, बॉडी वियरेबल कैमरा, डैशबोर्ड कैमरा, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान और मशीन में वजन के माध्यम से आकलन करेंगे।
  • उन्होंने बताया कि ये विशेषज्ञ राज्य के विभिन्न विभागों को उन जंक्शनों की पहचान करने में सहायता भी करेंगे जहाँ वाहनों की तेज गति और दुर्घटना संभावित क्षेत्र की संभावना है।
  • मुख्य सचिव ने सभी हितधारक विभागों को प्रक्रिया पूरी करने के लिये 7 मार्च, 2023 तक समय दिया है और अपने-अपने विभागों की रिपोर्ट आगामी 14 मार्च, 2023 तक परिवहन आयुत्त को भेजने के निर्देश भी दिये।
  • उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक एन्फोर्समेंट उपकरणों को इस तरह से लगाया जाना चाहिये ताकि यातायात प्रवाह में कोई बाधा, दृष्टि की समस्या उत्पन्न न हो।
  • बैठक में मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि नियम 167 के तहत सभी चालान इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से ऑटो-जेनरेशन चालान का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किये जाने चाहिये।
  • इसके अलावा, बारिश, ओलावृष्टि, कोहरे के मौसम जैसी प्रतिकूल मौसम की स्थिति के साथ-साथ मार्ग में आगे किसी बाधा को इंगित करने के लिये सड़क खंडों पर गति सीमा को सूचित करने के लिये निश्चित और गतिशील गति सीमा संकेतों का भी उपयोग किया जाना चाहिये।
  • मुख्य सचिव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक एन्फोर्समेंट उपकरणों द्वारा निगरानी किये जाने वाले हिस्सों से पहले उपयुक्त चेतावनी संकेत स्पष्ट रूप से लगाए जाने चाहिये, जिससे जनता को सूचित किया जा सके कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपयोग में हैं और वे सीसीटीवी निगरानी के अधीन हैं। 
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