आर्थिक प्रक्षेप पथ | 18 Sep 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की रिपोर्ट से पता चला है कि 1960 के दशक में भारत में पाँच राज्यों का आर्थिक प्रभुत्व था।
प्रमुख बिंदु
- 1960 के दशक में, पाँच राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और बिहार का भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 54% योगदान था।
- उत्तर प्रदेश (तब अविभाजित ) इन राज्यों में सबसे बड़ा आर्थिक योगदानकर्त्ता था, जो भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद में 14.4% का योगदान देता था ।
- उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था:
- सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वृद्धि:
- वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश की स्थिर मूल्यों पर (GSDP) 8.3% बढ़ी, जो वर्ष 2021-22 में 10.2% थी।
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वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद 7.2% बढ़ने का अनुमान था।
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क्षेत्रीय विकास:
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कृषि क्षेत्र: वर्ष 2022-23 में 10% की वृद्धि (वर्तमान मूल्यों पर), जबकि वर्ष 2021-22 में 14% की वृद्धि हुई (2021-22 में वृद्धि निम्न आधार पर थी)।
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विनिर्माण क्षेत्र: वर्ष 2022-23 में 22% की वृद्धि हुई थी।
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सेवा क्षेत्र: वर्ष 2022-23 में 12% की वृद्धि हुई थी।
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अर्थव्यवस्था में योगदान (स्थिर मूल्यों पर): कृषि (24%), विनिर्माण (30%), सेवाएँ (46%)।
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प्रति व्यक्ति GSDP:
- वर्ष 2022-23 में (वर्तमान मूल्यों पर) 96,193 रुपए अनुमानित , जिसमें वर्ष 2017-18 से 8% की वार्षिक वृद्धि हुई थी।
- सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वृद्धि:
- वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्यों पर GSDP वृद्धि दरें थीं: 4.7% (2012-13), 5.8% (2013-14), 4.0% (2014-15), 8.8% (2015-16), 11.4% (2016-17), 4.6% (2017-18), 6.3% (2018-19), 3.8% (2019-20), -5.5% (2020-21) और 4.2% (2021-22)।
- राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी: राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी या तो स्थिर है या घट रही है। एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिये यूपी की हिस्सेदारी बढ़कर 20% होनी चाहिये।
- वर्तमान मूल्यों पर भारत की GDP वर्ष 2016-17 में 153.92 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 236.64 लाख करोड़ रुपए हो गई थी।
- भारत के सकल घरेलू उत्पाद में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी वर्ष 2016-17 में 8.4% से घटकर वर्ष 2021-22 में 7.9% हो गई थी।
- प्रति व्यक्ति आय का बढ़ता अंतर : भारत और उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय के बीच का अंतर पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है। वर्ष 2011-12 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय भारत की लगभग 50% थी, लेकिन वर्ष 2021-22 तक यह घटकर 45.87% रह गई थी । यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय आर्थिक विकास के साथ तालमेल नहीं रखा है।
- वैकल्पिक विकास परिदृश्यों के तहत वर्ष 2026-27 में अनुमानित GSDP को बिंदुओं में व्यवस्थित किया गया है:
- बहुत अधिक (CAGR = 20%) : 42.5 लाख करोड़ रुपए
- उच्चतम (CAGR = 15%) : 35.8 लाख करोड़ रुपए
- मध्यम (CAGR = 12%) : 32.2 लाख करोड़ रुपए
- सामान्य (CAGR = 10%) : 30 लाख करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM)
- यह एक गैर-संवैधानिक, गैर-सांविधिक, स्वतंत्र निकाय है, जिसका गठन भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री को आर्थिक और संबंधित मुद्दों पर सलाह देने के लिये किया गया है।
- यह परिषद तटस्थ दृष्टिकोण से भारत सरकार के समक्ष प्रमुख आर्थिक मुद्दों को उजागर करने का कार्य करती है।
- यह मुद्रास्फीति, माइक्रोफाइनेंस और औद्योगिक उत्पादन जैसे आर्थिक मुद्दों पर प्रधानमंत्री को सलाह देती है।
- प्रशासनिक, संभार-तंत्र, योजना और बजटीय उद्देश्यों के लिये नीति आयोग EAC-PM के लिये नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- आवधिक रिपोर्ट:
- वार्षिक आर्थिक परिदृश्य
- अर्थव्यवस्था की समीक्षा