बिहार
बिहार के हर ज़िले में खुलेंगे ‘भूकंप क्लीनिक’
- 18 Nov 2022
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चर्चा में क्यों?
16 नवंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार राज्य सरकार ने भूकंप से बचाव के क्रम में राज्य के हर ज़िले में ‘भूकंप क्लीनिक’ खोलने का फैसला किया है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार इस पहल के तहत राज्य की राजधानी पटना, मुज़फ्फरपुर और भागलपुर में ये क्लीनिक खुल चुके हैं।
- गौरतलब है कि इन दिनों एक के बाद एक भूकंप के झटके आ रहे हैं। कई बार भूकंप के कारण जान-माल का काफी नुकसान भी होता है। भूकंप से होने वाले नुकसान से बचने के लिये कई तरह की पहल राज्य सरकारें करती हैं, जैसे- लोगों में सुरक्षा उपायों को लेकर जागरूकता फैलाना आदि। इसी क्रम में बिहार सरकार ने यह पहल शुरू करते हुए प्रदेश के हर ज़िले में भूकंप क्लीनिक खोलने का निर्णय लिया है।
- इन क्लीनिक में लोगों को ऐसे इलाकों में बनने वाले ईंट और सीमेंट से बने मकान के बारे में बताया जाएगा। यहाँ इंजीनियर बताएंगे कि मकान की नींव किस तरह से तैयार की जाए, साथ ही पिलर की गहराई, सरिया का साइज और इस्तेमाल किस तरह से किया जाए। इसके साथ ही मकान में वेंटिलेशन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसी तरह बांस और घास-फूस से बनने वाले मकानों को सुरक्षित रखने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
- कई बार ऐसा भी होता है कि भूकंप का डर दिखा कर बिल्डर लोगों को गुमराह करते हैं और अपनी मार्केटिंग भी करते हैं। ऐसे में भूकंप क्लीनिक लोगों में जागरूकता भी फैलाएगी।
- भूकंप क्लीनिक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल की टीमें लोगों को इसके खतरे से आगाह करती हैं। वे इसके लिये मॉक ड्रिल आदि करती हैं। भूकंप आने के समय कैसे अपना बचाव करें, इसकी ट्रेनिंग भी भूकंप क्लीनिक में दी जाती है। इसके अलावा भूकंप बाहुल्य इलाकों में किस तरह से घरों का निर्माण किया जाए, आपदा प्रभावित मकानों को दोबारा कैसे बनाएँ आदि के बारे में भी इन भूकंप क्लीनिक में बताया जाता है।
- भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जो कहीं भी, कभी भी आ सकती है। भूकंप की संभावना को देखते हुए क्षेत्रों को सिसमिक ज़ोन के आधार पर बाँटा जाता है। बिहार को सिसमिक ज़ोन-4 के अंतर्गत रखा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार सिसमिक ज़ोन 4 को देखते हुए अगर बिहार में .5 की तीव्रता का भूकंप आए तो इससे बड़े पैमाने पर नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।