ई-संजीवनी पोर्टल | 20 May 2022
चर्चा में क्यों?
19 मई, 2022 को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि चौदह महीने में प्रदेश के करीब 13 लाख लोगों ने ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- बिहार में ई-संजीवनी की शुरुआत फरवरी 2021 में हुई थी, तब से लेकर 30 अप्रैल, 2022 तक राज्य के सभी 38 ज़िलों में 12 लाख 89 हज़ार 602 लोगों ने ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसिन के द्वारा चिकित्सीय परामर्श लिया और अपना उपचार कराया है।
- ई-संजीवनी के दो भाग हैं- पहला ई-संजीवनी, दूसरा ई-संजीवनी ओपीडी। इन दोनों को ही सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) मोहाली द्वारा विकसित किया गया है।
- ई-संजीवनी, एक डॉक्टर से डॉक्टर टेलीमेडिसिन प्रणाली है, जिसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (AB-HWCs) कार्यक्रम के तहत लागू किया जा रहा है। यह दिसंबर 2022 तक हब-एंड-स्पोक मॉडल का उपयोग करके सभी 1,50,000 एचडब्ल्यूसी को जोड़ने का प्रयास करता है।
- ई-संजीवनी ओपीडी को रोगी-से-डॉक्टर टेली-परामर्श को सक्षम करने के लिये कोविड-19 पैंडेमिक के दौरान लॉन्च किया गया था।