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State PCS Current Affairs

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के सभी ज़िलों में लागू होगा ई-ऑफिस

  • 11 Sep 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

  • 10 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार राज्य भर में सभी सरकारी कामकाज को पूरी तरह ई-ऑफिस के माध्यम से करेगी, इसलिये सभी ज़िलों में ई-ऑफिस लागू किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • शासन स्तर पर यह व्यवस्था लागू होने के बाद अब ज़िलों व मंडलों में स्थित सरकारी दफ्तरों में भी यह व्यवस्था लागू होगी।
  • हाल ही में कन्नौज ज़िले में पूरी तरह ई-ऑफिस लागू हो चुका है और उसी के अनुसार वहाँ कार्यालयों में फाइलों का मूवमेंट हो रहा है।
  • अब ज़िलों में सभी कर्मचारियों के ई-मेल आईडी जेनरेट कराने का काम शुरू होगा। उसके बाद उनका प्रशिक्षण होगा। इसके अलावा मंडल स्तर पर काम कर रहे सभी सरकारी विभागों में भी यही व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। इससे एक तरह से सरकारी काम में पेपरलेस व्यवस्था लागू होगी।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में पूरे प्रदेश के सभी विभागों, ज़िलों, मंडलों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के आदेश दिये थे। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से यह काम शुरू हुआ।
  • हाल ही में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इसे सभी ज़िलों व मंडलों में लागू करने को कहा है। इससे ज़िलों के कलेक्ट्रेट व अन्य सरकारी कार्यालयों में पत्रावलियाँ डिजिटाइज होंगी। इसके ज़रिये सरकारी कार्मिकों के काम की भी निगरानी होगी।
  • ज़िलाधिकारी किसी भी पत्रावली की मॉनीटरिंग कर सकेंगे और इससे ज़िलों से शासन को जाने वाली पत्रावलियों का काम तेज़ी से हो सकेगा।
  • सचिवालय के 93 विभागों में शत-प्रतिशत ई-ऑफिस व्यवस्था लागू हो चुकी है। ई-ऑफिस माध्यम से अब तक 8654 फाइल जारी हो चुकी हैं। 150 विभागाध्यक्ष कार्यालय में से अब तक 46 में ई-ऑफिस लागू हो चुका है और इसी के अनुरूप काम हो रहा है।
  • पुलिस से जुड़े 90 कार्यालयों व विभागों में केवल 35 में ही यह व्यवस्था लागू हो पाई है, जिसमें अब तक 8181 फाइल जारी हो चुकी हैं। अभी किसी मंडल स्तर पर यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई है।
  • ई-ऑफिस क्या है?
    • ई-ऑफिस यह एक सरलीकृत, उत्तरदायी, प्रभावी, जवाबदेह और पारदर्शी कार्यप्रणाली प्राप्त करने का एक माध्यम है।
    • ई-ऑफिस की गति और दक्षता विभागों को सूचित और त्वरित निर्णय लेने में सहायता करती है। इससे सिस्टम के ज़रिये जहाँ सरकारी काम में वक्त की बचत होगी, वहीं सरकारी काम में पारदर्शिता आएगी।

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