उत्तराखंड में अवैध निवासियों के विरुद्ध अभियान | 18 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
17 अप्रैल 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस को निर्देश दिये कि वह फर्जी पहचान-पत्रों का उपयोग कर राज्य में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करे और उनके विरुद्ध सख़्त कार्रवाई के लिये विशेष अभियान चलाए।
मुख्य बिंदु
- अभियान के बारे में:
- मुख्यमंत्री ने ड्रग माफिया और कानून-व्यवस्था को बाधित करने वाले सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई तेज़ करने के भी निर्देश दिये।
- साइबर अपराध से संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने में देरी को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री ने इन मामलों में की गई कार्रवाई पर स्थिति रिपोर्ट की मांग की।
- उन्होंने पुलिस से साइबर अपराध की शिकायतों पर प्रतिक्रिया तंत्र को मज़बूत करने का आग्रह किया।
- उन्होंने जनता का विश्वास और दक्षता बढ़ाने के लिये पुलिस विभाग के सभी स्तरों पर कार्य संस्कृति में सुधार लाने का भी आह्वान किया।
- प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR)
- यह एक लिखित दस्तावेज है, जो पुलिस द्वारा तब तैयार किया जाता है जब उन्हें किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने की सूचना प्राप्त होती है।
- यह सूचना की वह रिपोर्ट होती है, जो उस समय पुलिस के पास सबसे पहले पहुँचती है और इसीलिये इसे प्रथम सूचना रिपोर्ट कहा जाता है।
- यह आमतौर पर किसी संज्ञेय अपराध के पीड़ित या उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत होती है। कोई भी व्यक्ति मौखिक या लिखित रूप से संज्ञेय अपराध की रिपोर्ट कर सकता है।
- FIR के तीन महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं:
- सूचना किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने से संबंधित होनी चाहिये।
- इसे पुलिस थाने के प्रमुख को लिखित या मौखिक रूप से दिया जाना चाहिये,
- इसे लिखित रूप में रखना होगा तथा सूचना देने वाले द्वारा हस्ताक्षरित करना होगा तथा इसके मुख्य बिंदुओं को दैनिक डायरी में दर्ज करना होगा।