उत्तराखंड
महिला क्षैतिज आरक्षण के अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार, राज्यपाल की मंज़ूरी के बाद होगा लागू
- 28 Oct 2022
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चर्चा में क्यों?
27 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के कार्मिक एवं सतर्कता सचिव शैलेश बगौली ने मीडिया को बताया कि राज्य की महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण के लिये अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। अगले हफ्ते ड्राफ्ट विधायी विभाग को भेजा जाएगा, वहाँ से राज्यपाल की मंज़ूरी के लिये राजभवन भेजा जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि उत्तराखंड की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिये अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। राज्यपाल की मंज़ूरी के बाद राज्य में महिला क्षैतिज आरक्षण का कानून बन जाएगा।
- विदित है कि नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा महिला क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश पर रोक लगाने के बाद राज्य सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया। क्षैतिज आरक्षण बहाल कराने के लिये पिछले दिनों प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश लाने पर सहमति बनी थी।
- शैलेश बगौली के मुताबिक प्रदेश सरकार की नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाल कराने के लिये भी शासन स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। इस संबंध में न्याय विभाग से विचार-विमर्श चल रहा है। क्षैतिज आरक्षण के समर्थन में ठोस विधिक आधार तैयार करने के बाद प्रस्ताव न्याय विभाग को भेजा जाएगा।
- गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश को निरस्त कर दिया था।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर राज्यपाल लेख जख गुरमीत सिंह (सेनिख) ने राजभवन में कई वर्षों से लंबित राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण विधेयक को लौटा दिया। इस विधेयक के लौटने के बाद सरकार से क्षैतिज आरक्षण के लिये तात्कालिक तौर पर अध्यादेश या विधेयक लाने की मांग की गई।