राजस्थान
राज्य में 44 वेटलेंड्स के लिये ड्राफ्ट अधिसूचना जारी
- 23 Mar 2023
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चर्चा में क्यों?
22 मार्च, 2023 को विश्व जल दिवस के अवसर पर पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वेटलेंडस् की महक्ता को देखते हुए राज्य के विभिन्न ज़िलों में 44 वेटलेंड्स को चिह्नित कर आद्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 के प्रावधानों के अनुसार ड्राफ्ट अधिसूचना जारी की गई है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में 44 जल संरचनाओं को वेटलेंड्स के रूप में अधिसूचित किया गया है। इन वेटलेंड्स के संबंध में कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव अथवा आपक्तियाँ 60 दिन के अंदर संयुक्त शासन सचिव, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को दे सकेगा। इस अवधि में प्राप्त सुझावों एवं आपक्तियों के आधार पर इन 44 वेटलेंड्स के संबंध में अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।
- पर्यावरण एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल ने बताया कि अधिसूचना में वेटलेंड की सीमा तथा बफर क्षेत्र का GPS विवरण देने के साथ वेटलेंड की सीमा और बफर क्षेत्र में प्रतिबंधित एवं विनियमित गतिविधियों की सूची संलग्न की गई है।
- वेटलेंड्स की सीमा में खनन कार्य, वाणिज्य कार्यों के लिये पानी का निकास, अपशिष्ट डालना, औद्योगिक गतिविधियाँ, पोचिंग, काश्तकारी इत्यादि को निषेध किया गया है।
- ज्ञातव्य है कि वेटलेंडस् जंतु ही नही बल्कि पादपों की दृष्टि से भी एक समृद्ध तंत्र हैं, जहाँ उपयोगी वनस्पतियाँ एवं औषधीय पौधे भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं तथा इनके उत्पादन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- वेटलेंडस् बाढ़ के दौरान जल के आधिक्य का अवशोषण करते हैं जिससे मानवीय आवास क्षेत्रों में जान व माल की हानि नहीं होती। ये क्षेत्र ‘कार्बन अवशोषण’व ‘भू-जल स्तर में वृद्धि’जैसी महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन कर पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान देते हैं। स्थानीय लोगों की आजीविका के लिये भी वेटलेंड्स अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।