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झारखंड

दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता

  • 27 Jul 2024
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल विरोधी कानून के तहत दो विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।

प्रमुख बिंदु:

  • दोनों विधायकों को संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दलबदल का दोषी पाया गया है।
  • दलबदल विरोधी कानून:
    • दलबदल विरोधी कानून संसद सदस्यों (Members of Parliament - - MP)/विधानसभा सदस्यों (Members of the Legislative Assembly- MLA) को एक दल छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने पर दंडित करता है।
    • संसद ने विधायकों को दल बदलने से हतोत्साहित करके सरकारों में स्थिरता लाने के लिये इसे वर्ष 1985 में संविधान में दसवीं अनुसूची के रूप में जोड़ा था।
      • दसवीं अनुसूची - जिसे लोकप्रिय रूप से दलबदल विरोधी अधिनियम के रूप में जाना जाता है - को 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 के माध्यम से संविधान में शामिल किया गया था।
    • यह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने के आधार पर निर्वाचित सदस्यों की अयोग्यता के प्रावधान निर्धारित करता है।
      • यह वर्ष 1967 के आम चुनावों के बाद दल बदलने वाले विधायकों द्वारा विभिन्न राज्य सरकारों को गिराने की प्रतिक्रिया थी।

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