चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा और पंजाब के मध्य विवाद | 04 Apr 2022

चर्चा में क्यों?

3 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पंजाब सरकार के चंडीगढ़ पर दावे के संदर्भ में 5 अप्रैल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि 1 अप्रैल को पंजाब विधानसभा ने चंडीगढ़ पर अपने दावे को दोहराते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया है।
  • लंबे समय से चले आ रहे चंडीगढ़ पर दावे संबंधी विवाद में केंद्र सरकार के चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश के कर्मचारियों के लिये पंजाब सर्विस रूल्स के बजाय केंद्रीय सेवा रूल्स लागू करने के निर्णय ने आग में घी डालने का काम किया है।
  • गौरतलब है कि 1966 के पंजाब पुनर्गठन अधिनियम द्वारा पंजाब से हरियाणा को अलग गठित किया गया। चंडीगढ़ हरियाणा को सौंप दिया गया, किंतु इसका विरोध होने पर चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा देकर दोनों राज्यों की राजधानी बना दिया गया।
  • चंडीगढ़ के संबंध में पंजाब और हरियाणा के मध्य संपत्ति बंटवारा 60 : 40 के अनुपात में किया गया।
  • 24 जुलाई, 1985 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और अकाली नेता लोंगोवाल के मध्य हुए समझौते के अनुसार चंडीगढ़ पंजाब को सौंपने की तारीख 26 जनवरी, 1986 तय की गई, किंतु कुछ समय बाद ही लोंगोवाल की हत्या कर दी गई और यह हस्तांतरण संभव न हो सका।