राजस्थान
राजस्थान की दिव्यांग सुनीता गुप्ता और प्रशांत अग्रवाल को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
- 05 Dec 2023
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चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में राजस्थान की दिव्यांग सुनीता गुप्ता और प्रशांत अग्रवाल को राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिये विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान के लिये देशभर से 21 व्यक्तियों और 9 संस्थानों को राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 प्रदान किया।
- दौसा की 70% गतिविषयक दिव्यांगजन सुनीता गुप्ता को कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये ‘सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन’ की श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया गया है।
- दिव्यांग सुनीता गुप्ता ग्रामीण क्षेत्र से होने के बावजूद, उन्होंने सरकार से 50 हज़ार रुपए का ऋण लेकर कृत्रिम आभूषण का व्यवसाय शुरू किया।
- वे वर्षा जल संचयन मिशन और स्वीप टीम मतदाता जागरूकता से भी संबद्ध हैं। उन्होंने विक्की डोनर फिल्म में भी काम किया है।
- नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर के अध्यक्ष 51 वर्षीय प्रशांत अग्रवाल द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्य के लिये उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति-दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये कार्यरत’ श्रेणी में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया गया है।
- प्रशांत अग्रवाल आवासीय विद्यालयों, व्यावसायिक पुनर्वास केंद्रों, सहायक यंत्रों और उपकरणों के नि:शुल्क वितरण, संगठन के माध्यम से नि:शुल्क विवाह समारोहों जैसी पहलों के माध्यम से दिव्यांगजनों के उत्थान और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं।
- वर्ष 2017 में उन्हें राजस्थान सरकार द्वारा दिव्यांगता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता से भी सम्मानित किया गया है।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1969 में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के रूप में उत्कृष्ट दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने की एक योजना को मंज़ूरी दी थी। ये पुरस्कार दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित करने और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किये गए हैं।
- राष्ट्रीय पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को उत्कृष्ट दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये काम करने वाले व्यक्तियों/संगठनों को ‘अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस’ पर प्रदान किये जाते हैं।
- वर्ष 2023 के लिये विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों के तहत गए हैं-
I. विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023-व्यक्तिगत उत्कृष्टता
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन
- श्रेष्ठ दिव्यांगजन
- लोकोमोटर चुनौती - (लोकोमोटर, मांसपेशीय चुनौतियाँ, बौनापन, एसिड अटैक विक्टिम, कुष्ठ रोग से उबरे हुए, सेरेब्रल पाल्सी)
- दृश्य हानि - (अंधापन, कम दृष्टि)
- श्रवण हानि (बहरा, सुनने में कठिनाई, बोलने और भाषा की चुनौती)
- बौद्धिक विकलांगता (मानसिक मंदता, मानसिक व्यवहार, विशिष्ट सीखने की चुनौती, ऑटिज़म स्पेक्ट्रम विकार)
- उपरोक्त उल्लिखित विकलांगताओं को छोड़कर कोई भी निर्दिष्ट विकलांगता।
- श्रेष्ठ दिव्यांग बाल/बालिका
- सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति - दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये कार्यरत्
- सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर (पुनर्वास पेशेवर/कार्यकर्त्ता) - दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत्
II. दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने में लगे संस्थानों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार-2023
- दिव्यांग सशक्तिकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थान (निजी संगठन, एनजीओ)
- दिव्यांगों के लिये सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता - (सरकारी संगठन/पीएसई/स्वायत्त निकाय/निजी क्षेत्र)
- सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन/बाधामुक्त परिवेश के सृजन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- सर्वश्रेष्ठ सुगम्य यातायात के साधन/सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (सरकारी/निजी संगठन)
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम/यूडीआईडी एवं दिव्यांग सशक्तिकरण की अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/यूटी/ज़िला
- दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अपने राज्य में कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य के दिव्यांगजन आयुक्त
- पुनर्वास पेशेवरों के विकास में संलग्न सर्वश्रेष्ठ संगठन