झारखंड
झारखंड में खुलेगा डिजिटल व अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय
- 20 Sep 2022
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चर्चा में क्यों?
19 सितंबर, 2022 को राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड विधानसभा से मानसून सत्र में पारित कौशल विद्या उद्यमिता, डिजिटल एवं स्किल विश्वविद्यालय विधेयक, 2022 और अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय विधेयक, 2022 को मंज़ूरी प्रदान कर दी।
प्रमुख बिंदु
- कौशल विद्या उद्यमिता, डिजिटल एवं स्किल विश्वविद्यालय राज्य सरकार और प्रेझा फाउंडेशन (पैन आइटी एलुमुनी रिच फॉर झारखंड फाउंडेशन) के सहयोग से चलेगा। इसका मुख्यालय खूंटी में होगा।
- इस विश्वविद्यालय से शुरुआत में आठ पॉलिटेक्निक संस्थानों को जोड़ा जाएगा। यहाँ से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर आदि अन्य शैक्षणिक पाठ्यक्रम चलेंगे।
- निजी विश्वविद्यालय के रूप में अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय का मुख्यालय राँची में होगा। राज्य सरकार इटकी में ज़मीन उपलब्ध करा रही है। इस विवि से इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट आदि व्यावसायिक कोर्स शुरू होंगे।
- डिजिटल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राज्यपाल होंगे, जबकि विश्वविद्यालय में अध्यक्ष ही प्रमुख होंगे। इनकी नियुक्ति तीन वर्ष के लिये नोडल एजेंसी द्वारा चयन समिति की अनुशंसा पर होगी। कुलपति की नियुक्ति तीन वर्ष के लिये अध्यक्ष द्वारा चयन समिति की अनुशंसा पर होगी, जबकि अन्य विश्वविद्यालय में राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा कुलपति की नियुक्ति की जाती है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, मुख्य वित्त और लेखा पदाधिकारी, डीन आदि की नियुक्ति होगी।
- अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय झारखंड का 16वाँ निजी विश्वविद्यालय होगा। इसमें पाँच प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के छात्रों के लिये, जबकि 25 फीसदी सीटें झारखंड के विद्यार्थियों के लिये आरक्षित रहेंगी, विश्वविद्यालय को राज्य सरकार या केंद्र सरकार से कोई सहायता अनुदान या अन्य वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी। वीसी, प्रोवीसी, रजिस्ट्रार, शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
- डिजिटल विवि का उद्देश्य-
- उद्यमिता में सीधे प्रवेश करने या स्टार्टअप के इच्छुक छात्रों को करियर-उन्मुख शिक्षा और कौशल प्रदान करना।
- ऑनलाइन शिक्षा व अन्य माध्यमों से विभिन्न पाठ्यक्रमों के ज़रिये छात्रों को जीवन भर प्रशिक्षण का अवसर देना।
- योग्यता आधारित कौशल और व्यावसायिक शिक्षा के लिये एक विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली तैयार करना।
- बाज़ार और उद्योग के अनुरूप व्यावहारिक, पेशेवर व कौशल आधारित प्रशिक्षण केंद्रित अध्यापन प्रदान करना।