उत्तराखंड
उत्तराखंड में मोहाली की तर्ज़ पर बसेंगे अलग-अलग शहर
- 01 Oct 2022
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चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के शहरी विकास एवं आवास के अपर मुख्य सचिव आनंदवर्द्धन ने चंडीगढ़ के उप नगर मोहाली की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी अब अलग-अलग शहर बसाए जाने की जानकारी दी।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में अब अलग-अलग शहर बसाए जाने के संबंध में उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद ने निजी विकासकर्त्ताओं से आवेदन मांगे हैं। यह टाउनशिप तीन श्रेणियों में विकसित की जा सकती है।
- नेबरहुड- यह छोटी टाउनशिप होगी। मैदानी क्षेत्रों में छह हेक्टेयर से 20 हेक्टेयर और पर्वतीय क्षेत्रों में तीन हेक्टेयर से दस हेक्टेयर भूमि पर ही यह टाउनशिप विकसित की जा सकेगी।
- टाउनशिप- मैदानी क्षेत्रों में 20 से 40 हेक्टेयर भूमि पर और पर्वतीय क्षेत्रों में 10 से 20 हेक्टेयर भूमि पर यह टाउनशिप विकसित की जा सकेगी।
- स्पेशल टाउनशिप- मैदानी क्षेत्रों में 40 हेक्टेयर से अधिक भूमि और पर्वतीय क्षेत्रों में 20 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर यह टाउनशिप विकसित की जाएगी।
- उत्तराखंड सरकार की इस योजना का उदेश्य यह है कि पुराने शहरों का बोझ कम हो और नए शहरों में लोगों को अत्याधुनिक सुविधाएँ मिलें। सभी टाउनशिप की उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद निगरानी करेगा।
- सरकार ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिये टास्क फोर्स का गठन किया है। प्राप्त आवेदनों का सर्वेक्षण कराया जाएगा। विशेषज्ञ यह बताएंगे कि संबंधित ज़मीन पर टाउनशिप विकसित हो सकती है या नहीं। इसके बाद उस जगह का मास्टर प्लान तैयार होगा। विकासकर्त्ता को उस जगह पर सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करानी होंगी।
- भू-उपयोग परिवर्तन से लेकर मास्टर प्लान, रेरा से पंजीकरण सहित तमाम सरकारी कामों में विकासकर्त्ता को परिषद से सहयोग मिलेगा, हालाँकि सरकारी शुल्क जमा कराने होंगे।
- मोहाली की तर्ज़ पर जो शहर बनेंगे, वहाँ स्कूल, कॉलेज से लेकर अस्पताल और खेल के मैदान तक की पूरी सुविधा होगी।
- मोहाली को जैसे सेक्टर में बाँटा गया है, वैसे ही उत्तराखंड के शहरों को भी सेक्टर में बाँटा जा सकेगा। इसमें विशेष क्षेत्र, जैसे- आईटी कंपनियों के लिये या अन्य रोज़गार देने वाली कंपनियों के लिये भी अलग से जगह सुरक्षित की जाएगी।