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उत्तर प्रदेश

ज़िलों में विकास और कानून व्यवस्था की समीक्षा अब होगी अलग-अलग

  • 01 Sep 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

  • 31 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के ज़िलों में अब कानून व्यवस्था और विकास कार्यों का मूल्यांकन, अनुश्रवण और समीक्षा अलग-अलग स्तर पर होगी। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा के लिये दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार सरकारी विभागों के विकास कार्य और कानून व्यवस्था में विभिन्न स्तर के अधिकारियों की समीक्षा सीएम डैश बोर्ड पर उपलब्ध सूचना के आधार पर की जाएगी। खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को चिह्नित कर उनके कार्य में सुधार कराया जाएगा।
  • शासन के आदेश के बाद 68 ज़िलों में ज़िलाधिकारी कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। वहीं पुलिस आयुक्त प्रणाली वाले लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, नोएडा, प्रयागराज और गाज़ियाबाद में पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।
  • मंडल स्तर पर कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा अब अलग-अलग होगी। ज़िलास्तरीय समीक्षा बैठक के एक सप्ताह की अवधि में मंडलस्तरीय बैठक का आयोजन करना होगा।
    • मंडल स्तर पर विकास कार्यों की समीक्षा बैठक मंडलायुक्त की अध्यक्षता में होगी। जिन मंडल मुख्यालयों पर पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू नहीं हैं, वहाँ पर कानून व्यवस्था की बैठक भी मंडलायुक्त की अध्यक्षता में ही होगी। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक एवं मंडल में स्थित ज़िलों के पुलिस कप्तान मौजूद रहेंगे।
    • राजस्व और विकास कार्य के लिये मंडल में अपर आयुक्त को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। कानून व्यवस्था के लिये मंडल में पुलिस उप महानिरीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
  • ज़िला स्तर पर विकास कार्य और कानून व्यवस्था की समीक्षा अलग-अलग होगी। विकास कार्य की समीक्षा ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में होगी। हर महीने सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग प्रकाशन के एक सप्ताह में बैठक का आयोजन करने के निर्देश दिये गए हैं।
    • ज़िला स्तर पर विकास कार्यों की समीक्षा के लिये मुख्य विकास अधिकारी को सीएम डैशबोर्ड का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जिन ज़िलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू नहीं हैं, वहाँ पर कानून व्यवस्था की समीक्षा ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में पुलिस लाइन में की जाएगी। बैठक में एसएसपी, एसपी, एडीएम प्रशासन, एएसपी, डीएसपी, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सहित सभी थानाध्यक्ष मौजूद रहेंगे।
    • लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, सहित  जिन ज़िलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है, वहाँ पर कानून व्यवस्था की समीक्षा प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक की ओर से भी हर महीने की जाएगी।
    • जिन ज़िलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है, वहाँ कानून व्यवस्था की समीक्षा पुलिस आयुक्त करेंगे। बैठक में अपर पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त, पुलिस उप आयुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी और सभी थानाध्यक्ष शामिल रहेंगे।
  • सीएम डैशबोर्ड पर विभिन्न विभागों की सेवाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर हर महीने की 15 तारीख को रैंकिंग जारी  की जाएगी। रैंकिंग में परफार्मेंस इंडेक्स, डाटा क्वालिटी इंडेक्स और फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स पर हुए कामकाज को आधार बनाया जाएगा।
  • भविष्य में विभागों की ओर से सीएम डैशबोर्ड पर ज़िलास्तरीय अधिकारियों की रैंकिंग के आधार पर मिले गुणांक का प्रयोग  मेरिट बेस्ड ऑनलाइन स्थानांतरण में किया जाएगा।
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