मध्य प्रदेश
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
- 15 Jun 2023
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चर्चा में क्यों
14 जून, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में ‘मध्य प्रदेश की सहकारिता नीति, 2023’ के अनुमोदन सहित कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रि-परिषद ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये नवीन योजना अंतर्गत प्रदेश के सभी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को ई-स्कूटी प्रदान करने का निर्णय लिया है।
- अगर एक से ज्यादा विद्यार्थियों के सर्वाधिक अंक हैं तो उन सभी को योजना का लाभ मिलेगा।
- जिन क्षेत्रों में ई-स्कूटी उपलब्ध नहीं है वहाँ पर स्कूटी प्रदाय की जाएगी।
- योजना से लगभग 9 हज़ार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
- वर्ष 2023-24 के बजट में योजना के क्रियान्वयन के लिये 135 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि विद्यार्थियों को विद्यालयों तक पहुँचने की सुविधा बढ़ाने तथा निर्भरता कम करने, उच्च शिक्षा के लिये प्रोत्साहित करने, आत्म-विश्वास जागृत करने के लिये नवीन योजना का प्रावधान किया गया है।
- मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा 15 अप्रैल, 2023 को जारी आदेश ‘अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति’ के लिये आय सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपए किये जाने और अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन छात्रवृति मानविकी विषयों के लिये भी दिये जाने का अनुसमर्थन किया।
- साथ ही अशासकीय संस्थाओं में अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की वार्षिक आय सीमा 8 लाख रुपए किये जाने की सहमति प्रदान की गई।
- उल्लेखनीय है कि जनजातीय कार्य विभाग द्वारा शासकीय एवं शासकीय वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिये आय सीमा का बंधन समाप्त किया गया है। आय सीमा में वृद्धि से अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के व्यापक अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
- मंत्रि-परिषद ने ‘मध्य प्रदेश की सहकारिता नीति, 2023’ का अनुमोदन करते हुए समयबद्ध कार्य-योजना बनाकर क्रियान्वित करने के लिये सहकारिता विभाग को अधिकृत किया है।
- यह सहकारिता नीति राज्य में सहकारिता को एक जन-आंदोलन बनाने की दिशा में अग्रसर करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
- सहकारिता के माध्यम से नवीन क्षेत्रों में समितियाँ गठित होंगी और रोज़गार के अवसर निर्मित होंगे।
- राज्य के सहकारिता कानून में भी आवश्यकतानुसार बदलाव किया जाएगा और सहकारिता की आंतरिक एवं संरचनात्मक कमियों को दूर करने की कार्यवाही की जा सकेगी। साथ ही सहकारिता में सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाएगा।
- सहकारी नीति में कृषि साख, शहरी साख, सहकारी विपणन, सहकारी आवास, उपभोत्ता सहकारिता, सहकारी बीज उत्पादन एवं विपणन, लघु वनोपज सहकारी समितियाँ, डेयरी सहकारिता, सहकारी मत्स्य पालन आदि प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
- मंत्रि-परिषद ने 600 मेगावॉट क्षमता की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना को राज्य शासन की भुगतान सुरक्षा गारंटी तथा उसके प्रारूप को सहमति प्रदान की है।
- उल्लेखनीय है कि नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर जलाशय पर 600 मेगावॉट क्षमता की फ्लोटिंग सोलर परियोजना का निर्माण 2 चरण में किया जा रहा है।
- ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना देश तथा विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं में से एक होगी।
- ओंकारेश्वर परियोजना देश की बहुउद्देश्यी परियोजनाओं में से एक है, जहाँ सिंचाई, जल विद्युत् उत्पादन के साथ अब सौर ऊर्जा का उत्पादन भी होगा एवं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
- मंत्रि-परिषद ने लोक सेवा प्रबंधन विभाग अंतर्गत अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप ‘मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम’ (CMYIPDP) में संशोधन की स्वीकृति दी है।
- CMYIPDP प्रोग्राम में इंटर्न का मानदेय 8 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 10 हज़ार रुपए प्रतिमाह किया जाएगा। इंटर्न की नियुक्ति अब ब्लॉक स्तर के साथ पंचायत स्तर पर की जाएगी।
- मंत्रि-परिषद ने जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत सी.एम. राइज योजनांतर्गत 11 उच्चतर माध्यमिक शाला भवनों के निर्माण कार्यों के लिये 338 करोड़ 83 लाख 6 हज़ार रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।
- उल्लेखनीय है कि जनजातीय कार्य विभाग में प्रथम चरण में 95 स्कूलों को सीएम राइज स्कूल के रूप में चयनित किया गया है। इसमें से धार, मंडला, झाबुआ, बैतूल, अलीराजपुर, खरगोन और रतलाम ज़िलों में कुल 11 स्कूल के लिये भवन निर्माण का कार्य किया जाना है।
- मंत्रि-परिषद ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम के माध्यम से क्रियान्वयन के लिये 2 पुनरीक्षित समूह जल प्रदाय योजनाएँ लागत 2,002 करोड़ 62 लाख रुपए तथा 29 नवीन समूह जल प्रदाय योजनाएँ लागत 15,995 करोड़ 98 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति देने का निर्णय लिया है।