एचपीएससी, एचएसएससी के माध्यम से विश्वविद्यालयों में नियुक्ति का निर्णय वापस लिया गया | 23 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
22 दिसंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य विधानसभा में हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से विश्वविद्यालयों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के निर्णय वापस लेने तथा विश्वविद्यालयों में नियुक्ति के संबंध में अंतिम निर्णय लेने के लिये एक समिति गठित करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में विभिन्न पदों पर नियुक्तियों के संबंध में निर्णय लेने के लिये पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा।
- इस कमेटी में राज्यपाल (कुलपति) के प्रतिनिधि, उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शामिल किया जाएगा। समिति 15-20 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी।
- उन्होंने कहा कि एचपीएससी और एचएसएससी के माध्यम से की जाने वाली भर्तियों के संबंध में विश्वविद्यालयों को पहले भेजे गए पत्र को वापस ले लिया गया है।
- मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यूजीसी के निर्देशों का पालन किया जाएगा। विश्वविद्यालयों में नियुक्तियाँ पारदर्शी तरीके से और योग्यता के आधार पर ही की जाएंगी। विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बरकरार रहेगी।
- मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की तर्ज़ पर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये डीए की दरों को 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत करने की घोषणा की। इससे राज्य के खजाने पर सालाना 672 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के लिये नई पेंशन योजना के तहत केंद्र सरकार की तर्ज़ पर 1 जनवरी, 2022 से नियोक्ता के योगदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने की घोषणा भी की। इस फैसले के लागू होने से कर्मचारियों को 25 करोड़ रुपए मासिक और 300 करोड़ रुपए सालाना का लाभ मिलेगा।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री खट्टर ने यह भी घोषणा की कि सदन में एक नई प्रणाली शुरू की जाएगी, जिसके तहत शून्यकाल में विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों का लिखित जवाब राज्य सरकार द्वारा संबंधित विधायक को एक महीने की अवधि के भीतर दिया जाएगा।