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शिल्प गुरू और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुए राजस्थान के शिल्पकार

  • 29 Nov 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

28 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य ‘शिल्प गुरू राष्ट्रीय पुरस्कार’सम्मान समारोह में राजस्थान के पाँच सिद्धहस्त हस्तशिल्प कलाकारों को ‘शिल्प गुरू पुरस्कार’ एवं चौदह श्रेष्ठ हस्तशिल्पियों को हस्तशिल्प के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सम्मान समारोह में शिल्प गुरू पुरस्कार विजेताओं को सम्मान स्वरूप सोने का सिक्का, 2 लाख रुपए की राशि, ताम्रपत्र, शॉल और प्रमाण-पत्र तथा हस्तशिल्प राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को एक लाख रुपए की राशि, ताम्रपत्र एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया।
  • वर्ष 2002 में शुरू किये गए शिल्प गुरू पुरस्कार ऐसे सर्वश्रेष्ठ सिद्धहस्त हस्तशिल्पियों को दिया जाता है जिन्होंने हस्तशिल्प के क्षेत्र में गुरू की भूमिका निभाते हुए संबंधित कला को आगे बढ़ाने के लिये बेहतरीन कार्य किया हो।
  • वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 के लिये नामित हस्तशिल्प पुस्कार विजेताओं में शामिल विनोद कुमार जांगिड़ को वर्ष 2017 के लिये चंदन की लकड़ी पर बेहतरीन कारीगरी के लिये, मोहन लाल सोनी को वर्ष 2017 के लिये मिनिएचर पेंटिंग के लिये, मोहन लाल शर्मा को वर्ष 2019 के लिये ब्रास वायर से शीशम की लकड़ी पर तारकशी के लिये, आशाराम मेघवाल को 2019 और गोपाल प्रसाद शर्मा को वर्ष 2018 के लिये मिनिएचर पेंटिंग में सर्वश्रेष्ठ कार्यों के लिये शिल्प गुरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • हस्तशिल्प के क्षेत्र में बेहतरीन कार्यों हेतु राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्राप्त करने वाले राजस्थान के चौदह सिद्धहस्त शिल्पकार हैं-
    • वर्ष 2017 के लिये - सुनील सोनी (थेवा कला), शोकत अली (उत्सा कला) और कमलेश शर्मा (लकड़ी पर तारकशी)।
    • वर्ष 2018 के लिये - ओमप्रकाश जांगिड़ (चंदन की लकड़ी पर कारीगरी), सुनीता शर्मा (पैपर कटिंग कला) और प्रेमदेवी सोनावा (हेंड ब्लॉक पेंटिंग)।
    • वर्ष 2019 के लिये - गुलाब सिंह (सिल्वर मीनाकारी), मोहम्मद शरीफ (टाई एवं डाई कला), कमल किशोर सोनी (बोन कर्विग), श्यामलता गहलोत (कोफ्तगिरी कला), द्वारका प्रसाद सुधार (लकड़ी की कारीगरी), दिनेश कुमार सोनी (वर्क पेंटिंग) तथा नेहा भाटिया और धर्मेंद्र सिंह भल्ला (कुंदल जड़ाई मीनाकारी)।
  • उल्लेखनीय है कि उक्त सम्मान समारोह में वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 के लिये देशभर से नामित किये गए हस्तशिल्प से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के 30 हस्तशिल्पियों को ‘शिल्प गुरू पुरस्कार’एवं 78 हस्तशिल्पियों को ‘राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार’से सम्मानित किया गया।
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