राजस्थान
राजस्थान के सबसे लंबे हाईलेवल ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू
- 06 Dec 2023
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चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2023 को पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता मुकेश मीणा ने बताया कि सवाई माधोपुर-इटावा मार्ग पर झरेर के बालाजी केतुदा गाँव के पास चंबल नदी पर राजस्थान के सबसे लंबे हाईलेवल ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
प्रमुख बिंदु
- पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता मुकेश मीणा ने बताया कि यह हाईलेवल ब्रिज 165 करोड़ रुपए की लागत से करीब 2 साल में बनकर तैयार हो जाएगा। इसकी लंबाई 1880 मीटर होगी।
- इसका निर्माण होने से राजस्थान सहित मध्य प्रदेश के लोगों को भी आवागमन में सुविधा मिलेगी। इसके अलावा खातोली, इटावा, बारां ज़िले से सवाई माधोपुर का सीधा जुड़ाव हो जाएगा।
- वर्तमान में चंबल नदी पर बना गैंता माखीदा का ब्रिज प्रदेश में सबसे लंबा ब्रिज है। इसकी लंबाई करीब 1562 मीटर है। यह भी पूर्व में इटावा क्षेत्र में बना था। यह ब्रिज कोटा ज़िले के साथ ही भरतपुर संभाग के सवाई माधोपुर को भी जोड़ेगा।
- राज्य सरकार ने पिछले साल बजट घोषणा में झरेर के बालाजी ब्रिज की डीपीआर निर्माण के लिये 30 लाख रुपए जारी किये थे। उसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसकी 165 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर जयपुर भिजवाई थी। इस पर मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट घोषणा में इस पुल के निर्माण की घोषणा की थी।
- मुकेश मीणा ने बताया कि यह प्रेस्ट्रस्ड कंक्रीट गर्डन ब्रिज होगा। इसमें चार गर्डर होंगे। वहीं 12 मीटर चौड़े पुल में साढ़े सात मीटर का केरीज-वे होगा। पुल से सवाई माधोपुर की तरफ 280 मीटर एप्रोच सड़क भी बनेगी। इस प्रकार कोटा की तरफ 486 मीटर की एप्रोच सड़क बनेगी। इसमें दो छोटे छोटे माइनर पुल भी बनाए जाएंगे।
- ब्रिज के निर्माण में 48 पिल्लर खड़े किये जाएंगे। इसमें दोनों तरफ दो अबेटमेंट भी होंगे, जो सवाई माधोपुर और कोटा की तरफ पुल की शुरुआत में बनेंगे। इन 48 पिलरों पर हर पिलर के बीच 40 मीटर लंबे स्थान रखे जाएंगे। इसमें चट्टान के ऊपर पाँच पिलर बनेंगे और साथ बेल फाउंडेशन वाले होंगे। इसके अलावा 36 पायल फाउंडेशन बनाए जाएंगे, जो मिट्टी और चट्टानों पर बनते हैं। इनमें दो अबेटमेंट शामिल हैं।