उत्तराखंड
सिंगापुर की तर्ज पर देहरादून में बिना ड्राइवर वाली पॉड टैक्सी चलाने की योजना पर बनी सहमति
- 14 Apr 2023
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चर्चा में क्यों?
12 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस.एस.संधू ने बताया कि प्रदेश में हरिद्वार ज़िले के बाद देहरादून अब ऐसा दूसरा शहर होगा जहाँ पॉड टैक्सी चलाने की तैयारी चल रही है। यहाँ सिंगापुर की तर्ज पर (पर्सनल रैपिड ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट-पीआरटी के तहत) बिना ड्राइवर वाली पॉड टैक्सी चलाने की योजना पर सहमति बन गई है।
प्रमुख बिंदु
- इसके पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पॉड टैक्सी का पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन तक छह किमी. लंबे रूट पर संचालन होगा। पहले इस रूट पर रोप-वे चलाने की योजना थी।
- उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पीआरटी के प्रयोग को शहर के ऐसे इलाकों के लिये उपयोगी बताया, जहाँ नियो मेट्रो नहीं चल सकती है। जाम से निजात और सार्वजनिक परिवहन को मजबूत बनाने के लिये दून में यातायात का पीआरटी सिस्टम लागू किया जाएगा।
- इसके तहत पॉड टैक्सी या विशेष तौर पर निर्मित गाइडवे नेटवर्क पर 4-6 यात्रियों की क्षमता वाले वाहन संचालित होंगे।
- विदित है कि पीआरटी एक तरह का ऑटोमेटेड गाइडवे ट्रांजिट (एजीटी) है। यह व्यक्तिगत या छोटे समूह की यात्रा के लिये मुफीद होता है। यह प्रणाली बेहद सस्ती है और मेट्रो, रैपिड ट्रेन की तुलना में इसकी लागत काफी कम है।
- ज्ञातव्य है कि पर्सनल रैपिड ट्रांसपोर्ट (पीआरटी) या पॉड टैक्सी पूरी तरह स्वचालित होती है। यह कार के आकार की होती है और स्टील के ट्रैक पर चलती है। इस टैक्सी को चलाने के लिये ड्राइवर की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके जरिये तीन से लेकर छह यात्रियों को एक बार में ले जाया जा सकता है।
- पीआरटी के तहत चलने वाली ड्राइवरलेस कार सड़क पर नहीं बल्कि कॉलम पर बने स्ट्रक्चर पर चलेगी। यह यात्रियों के बटन दबाने पर खुद उनके पास पहुँच जाएगी। यह विश्व का सबसे आधुनिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम है।
- उल्लेखनीय है कि दुनिया में पहली पॉड टैक्सी वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में वर्ष 1970 में चलाई गई थी।
- पीआरटी के लागू होने से शहर में वाहनों की संख्या में कमी आएगी, स्मार्ट परिवहन सेवा, भीड़भाड़ से राहत और प्रदूषण में कमी, सहज उपलब्धता और सस्ती परिवहन सेवा उपलब्ध होगी।