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छत्तीसगढ़

हिट-एंड-रन कानून पर चिंता

  • 12 Jan 2024
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों में ट्रांसपोर्टरों और वाणिज्यिक ड्राइवरों के हालिया विरोध प्रदर्शन ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की विवादास्पद धारा 106 (2) पर प्रकाश डाला है।

मुख्य बिंदु

  • यह धारा, जो हिट-एंड-रन की घटनाओं के लिये गंभीर दंड का प्रावधान करती है, ड्राइविंग समुदाय के बीच असंतोष का केंद्र बिंदु बन गई है।
  • सरकार द्वारा यह आश्वासन दिये जाने के बाद कि वह हिट-एंड-रन के खिलाफ विवादास्पद कानून लागू करने से पहले हितधारकों से परामर्श करेगी, देशव्यापी ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल रद्द कर दी गई है।
  • ट्रांसपोर्टर और वाणिज्यिक चालक BNS, 2023 की धारा 106 (2) को वापस लेने या संशोधन की मांग कर रहे हैं।
    • उनका तर्क है कि निर्धारित दंड, जिसमें 10 वर्ष की कैद और 7 लाख रु. का जुर्माना, अत्यधिक गंभीर हैं।

हिट-एंड-रन कानून के प्रावधान

  • हिट-एंड-रन प्रावधान भारतीय न्याय संहिता (BNS) का हिस्सा है, जो औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, 1860 को प्रतिस्थापित करने के लिये तैयार है।
    • BNS, 2023 की धारा 106 (2) में दुर्घटना स्थल से भागने और किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को घटना की रिपोर्ट करने में विफल रहने पर 10 वर्ष तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
    • हालाँकि, यदि ड्राइवर दुर्घटना के तुरंत बाद घटना की रिपोर्ट करता है, तो उन पर धारा 106(2) के बजाय धारा 106(1) के तहत आरोप लगाया जाएगा। धारा 106(1) में किसी जल्दबाज़ी या लापरवाही से हुई मौत के लिये पाँच वर्ष तक की सजा का प्रावधान है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आती। 
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