मध्य प्रदेश
ग्वालियर में संपीड़ित बायोगैस संयंत्र
- 25 Nov 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में, ग्वालियर मध्य प्रदेश में अत्याधुनिक संपीड़ित बायोगैस (CBG) संयंत्र के साथ भारत की पहली आधुनिक और आत्मनिर्भर गौशाला शुरू की।
प्रमुख बिंदु
- स्थान और प्रबंधन:
- CBG संयंत्र ग्वालियर नगर निगम द्वारा प्रबंधित ग्वालियर की सबसे बड़ी गौशाला आदर्श गौशाला में स्थित है। इसमें 10,000 से अधिक मवेशी हैं।
- अद्वितीय उपलब्धि:
- मध्य प्रदेश का पहला CBG संयंत्र, जो स्थानीय मंडियों और घरों से एकत्र किये गए मवेशियों के गोबर और जैविक अपशिष्ट जैसे सब्जी एवं फलों के अपशिष्ट से बायोगैस का उत्पादन करता है ।
- प्रौद्योगिकी और आउटपुट:
- 100 टन मवेशियों के गोबर से प्रतिदिन 2-3 टन बायो-सीएनजी का उत्पादन होता है ।
- प्रतिदिन 10-15 टन सूखी जैविक-उर्वरक उत्पन्न होती है, जो जैविक कृषि को बढ़ावा देती है।
- अतिरिक्त जैविक अपशिष्ट प्रसंस्करण के लिये विंड्रो कम्पोस्टिंग को शामिल किया गया है ।
- विंड्रो कम्पोस्टिंग जैविक अपशिष्ट से कम्पोस्ट बनाने की एक विधि है, जिसमें अपशिष्ट को लंबे, संकरे ढेरों में एकत्रित कर दिया जाता है, जिन्हें विंड्रो कहा जाता है तथा उन्हें नियमित रूप से पलटा जाता है।
- इसे कम्पोस्ट बनाने की एक लागत प्रभावी विधि माना जाता है, लेकिन इससे सबसे अधिक उत्सर्जन भी हो सकता है।
- पर्यावरणीय लाभ:
- गाय के गोबर और जैविक अपशिष्ट को बायो-सीएनजी और जैविक उर्वरक में परिवर्तित करता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आती है।
- यह जीवाश्म ईंधन के लिये एक स्वच्छ, पर्यावरण-अनुकूल विकल्प प्रदान करता है, जो जलवायु परिवर्तन शमन में योगदान देता है।
- गाय के गोबर जैसे कम उपयोग वाले संसाधनों को मूल्यवान ऊर्जा और उर्वरक में परिवर्तित करना, चक्रीय अर्थव्यवस्था प्रथाओं को बढ़ावा देना ।
- आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:
- स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार का सृजन, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा तथा हरित ऊर्जा कौशल को बढ़ावा।
- आस-पास के ज़िलों के किसानों को किफायती जैव-उर्वरक उपलब्ध कराता है तथा जैविक कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करता है।
- सतत् विकास के लिये मॉडल:
- भारत की पहली आत्मनिर्भर गौशाला के रूप में लालटिपारा संयंत्र अन्य क्षेत्रों के लिये अपनाने हेतु एक अग्रणी मॉडल के रूप में कार्य करता है।
बायोगैस
- बायोगैस एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में कार्बनिक पदार्थ के विघटन से उत्पन्न होता है। इस प्रक्रिया को अवायवीय पाचन कहते हैं।
- बायोगैस को नवीकरणीय प्राकृतिक गैस (RNG) या बायोमेथेन के रूप में भी जाना जाता है। यह अधिकांश मीथेन (CH4) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) से निर्मित है।