हसदेव अरण्य में आवंटित कोल ब्लॉक रद्द करने हेतु विधानसभा में अशासकीय संकल्प पारित | 27 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
26 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा ने जनता कॉन्ग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक धर्मजीत सिंह द्वारा प्रस्तुत हसदेव अरण्य क्षेत्र में आवंटित कोल ब्लॉक रद्द करने के अशासकीय संकल्प को सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- विधानसभा में विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 57 हज़ार मिलियन टन का कोयला भंडार है। 50 साल में भी 25 फीसदी ही खनन किया जा सकता है।
- गौरतलब है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन के लिये वर्तमान में स्वीकृत परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोयला खदान के लिये लगभग 2,22,921 वृक्ष एवं परसा कोयला खदान के लिये लगभग 99,107 वृक्षों की कटाई होनी है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 1995 वर्ग किमी. क्षेत्र में लेमरु एलिफेंट रिज़र्व घोषित किया है। उससे जुड़े कोल ब्लॉक में रोक लगाने की मांग केंद्र से की गई है।
- गौरतलब है कि हसदेव अरण्य में कोल ब्लॉक एक्सटेंशन किया जा रहा है। राजस्थान की विद्युत कंपनी को कोल ब्लॉक का आवंटन किया गया है। कोल ब्लॉक की एनओसी लंबे समय तक अटकी थी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के छत्तीसगढ़ आगमन के बाद छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा एनओसी जारी की गई थी।
- वहीं राजस्थान की बिजली कंपनी के एमडी विगत दिनों छत्तीसगढ़ आये थे। उन्होंने मुख्य सचिव और कलेक्टरों से मिलकर खनन का कम शीघ्र शुरू कराने का आग्रह किया था। हसदेव अरण्य का मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुँच चुका है। वहीं हसदेव के जंगलों को बचाने के लिये ‘हसदेव बचाओ अभियान’भी चलाया जा रहा है।