छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 8.63 करोड़ रुपए की राशि का किया अंतरण
- 21 Feb 2023
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चर्चा में क्यों?
20 फरवरी, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना अंतर्गत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 8.63 करोड़ रुपए की राशि ऑनलाईन जारी की।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के हितग्राहियों को अब तक 19 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसके साथ ही इस योजना के शुरू होने से अब तक कुल 105 लाख 63 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। इसके एवज में गोबर विक्रेताओं को 4.76 करोड़ रुपए के भुगतान के बाद अब तक 211.25 करोड़ रुपए की राशि प्रदान कर दी गई है।
- अंतरित की जा रही कुल राशि में से 76 करोड़ रुपए का भुगतान गोबर खरीदी के एवज में की गई। इसमें से 2.06 करोड़ रुपए की राशि कृषि विभाग द्वारा और 2.70 करोड़ रुपए की राशि स्वावलंबी गौठानों द्वारा भुगतान की गई है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुल 10 हज़ार 732 गौठान स्वीकृत किये गए हैं, जिसमें से 09 हज़ार 720 निर्मित होकर संचालित हो रहे हैं तथा शेष गौठानों का निर्माण तेजी से चल रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना से पिछले एक साल में लाभान्वित पशुपालकों की संख्या में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और गोबर खरीदी में 85 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। योजना से 3 लाख 28 हज़ार ग्रामीण पशुपालक लाभान्वित हुए हैं।
- राज्य में अब तक 5064 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की जमा पूंजी से गोबर क्रय करने लगे हैं। स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक 19 करोड़ रुपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय कर भुगतान किया गया है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर से पेंट बनाने के लिये 21 ज़िलों में 45 इकाई स्वीकृत हुई हैं, इनमें से 13 इकाईयाँ प्रारंभ हो चुकी हैं। शेष 32 यूनिट का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। अभी तक 30 हज़ार 218 लीटर पेंट का उत्पादन हो चुका है। इनमें से 14 हज़ार 358 लीटर पेंट का विक्रय हो चुका है। इससे 29 लाख 16 हज़ार 300 रुपए की आय प्राप्त हुई है।
- उन्होंने कहा कि 99 गौठानों में गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। अभी तक 01 लाख 33 हज़ार 484 लीटर गौमूत्र की खरीदी की जा चुकी है। इसका मूल्य 05 लाख 37 हज़ार 936 रुपए है। गौमूत्र से ब्रह्मास्त्र कीट नियंत्रक और जीवामृत वृद्धि वर्धक के निर्माण तथा विक्रय से अब तक 28 लाख 96 हज़ार 845 रुपए की आय हो चुकी है।
- उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत बीते कई पखवाड़ों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक रही है। आज की स्थिति में 50 फीसद से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी के साथ-साथ गौठान के अन्य व्यय अपनी पूंजी से कर रहे हैं।