मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ‘बालवाड़ी योजना’ का किया शुभारंभ | 06 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई शिक्षा नीति के अनुसार खेल-खेल में बच्चों के सीखने और समझने की क्षमता को विकसित करने के लिये प्रदेश में ‘बालवाड़ी योजना’का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा की गाड़ी’की थीम के साथ मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना की शुरूआत की।
- स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालवाड़ी योजना पाँच से छ: वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिये शुरू की गई है।
- ‘बालवाड़ी योजना’के माध्यम से बच्चे सीखने के लिये प्रोत्साहित होंगे और उन्हें स्कूल के माहौल के लिये तैयार किया जा सकेगा। बच्चों के लिये हर बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अतिरिक्त संबद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक की भी तैनाती की जाएगी और इसके लिये सहायक शिक्षक को हर माह 500 रुपए का अतिरिक्त मानदेय भी प्रदान किया जाएगा।
- बच्चों को खेल-खेल में एवं रोचक तरीके से अध्यापन कार्य कराने के लिये आंगनबाड़ी सहायिका एवं शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। प्रत्येक बालवाड़ी के लिये बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री एवं प्रिंटरीच रंग-रोगन आदि के लिये एक लाख रुपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि मनुष्य के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बाल्य अवस्था में ही हो जाता है। एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है, वही चीजें स्कूल में और आगे जीवन में उसकी मदद करती हैं। शिक्षण की शुरुआत तभी हो जानी चाहिये, जब बच्चों का मस्तिष्क तैयार हो रहा हो।
- योजना के शुभारंभ के अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि बालवाड़ी योजना का उद्देश्य बच्चों के मानसिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक एवं संज्ञानात्मक विकास करने एक लिये एक शिक्षण-सेतु के तौर पर कार्य करेगी ताकि 5 से 6 वर्ष की उम्र में जब बच्चे पहली कक्षा में जाएँ तो वह उसके लिये पूरी तरह तैयार हो चुके हों।
- स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्ष 5173 बालवाड़ियाँ प्रारंभ की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाड़ियाँ खोली जाएंगी।