मध्य प्रदेश
मनरेगा कार्यक्रमों के लिये जलवायु सूचना सेवा टूल- U-CRISP का मेपकास्ट परिसर में लोकार्पण हुआ
- 04 Sep 2023
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चर्चा में क्यों?
1 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा एवं ब्रिटिश उप उच्चायुक्त एवं मंत्री क्रिस्टीना स्कॉट के मुख्य आतिथ्य में मनरेगा कार्यक्रमों के लिये जलवायु सूचना सेवा टूल- U-CRISP (Universal Climate Resilience Information System and Planning Tool) का मेपकास्ट परिसर में लोकार्पण हुआ।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट के सहयोग से भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत यह टूल विकसित किया गया है।
- मंत्री सखलेचा ने बताया कि इस टूल के माध्यम से इकोसिस्टम एवं जलवायु परिस्थितियों को समझने में सहायता मिलेगी। इस टूल के माध्यम से ग्रामों को जोड़ा जाएगा, जिससे प्राप्त सूचना का लाभ ग्रामों को मिल पाएगा। साथ ही इकोसिस्टम नेचर को समझने में इस टूल से सहायता मिल सकती है।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा एवं ब्रिटिश उप उच्चायुक्त एवं मंत्री क्रिस्टीना स्कॉट ने मेपकास्ट में एकदिवसीय कार्यशाला में जलवायु लचीलापन योजना के अंतर्गत वैश्विक स्तर पर उपयोग एवं वैश्विक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिये स्थापित नवनिर्मित रिसोर्स सेंटर का भी उद्घाटन किया।
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिये मेपकास्ट एवं ब्रिटिश उच्चायुक्त के बीच एमओयू किया गया। एमओयू से भविष्य में विभिन्न तकनीकी एवं नवाचार में दोनों संस्थाएँ मिलकर योजना बना सकेंगी, कार्य कर सकेंगी और नवीन प्रौद्योगिकियों को साझा भी कर सकेंगी।
- गौरतलब है कि यू क्रिस्प टूल का विकास ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार और विदेशी राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) यूनाइटेड किंगडम सरकार के इंफ्रा-स्ट्रक्चर फॉर क्लाइमेट रेजिलियेंट ग्रोथ प्रोग्राम (आईसीआरजी) पोर्टफोलियो के अंतर्गत विशेष सहयोग से हुआ है।
- आवश्यकता को देखते हुए यूनिवर्सल टूल का निर्माण, जिसके अंतर्गत अन्य देशों में भी क्लाइमेट चेंज की गतिविधियों को संपादित किया जाएगा। इस टूल को बीबीसी द्वारा ‘शीर्ष 10 नवाचार टूल’ में भी शामिल किया गया है।
- U-CRISP टूल जलवायु परिवर्तन की संभावित चुनौतियों का सामना करने में ग्रामीण समुदायों को आवश्यक सहायता देगा। यह ग्रामीण परिवारों को स्थानीय जलवायु डाटा को प्राप्त करने और साझा करने की सुविधा प्रदान करने के साथ ही जलवायु संकट का सामना करने में मदद करता है और उनकी आजीविका की सुरक्षा के लिये संसाधनों तक पहुँचने की सुविधा प्रदान करता है।
- यह टूल जलवायु प्रभावों का बेहतर प्रबंधन करने में मदद के साथ ही जल-संरक्षण के निर्माण के लिये एक एकीकृत दृष्टिकोण भी प्रदान करेगा। साथ ही विभिन्न विभागों, जैसे- कृषि, वन, जल संसाधन आदि की विकास पहलों के तहत भूमि विकास और पौध-रोपण के कार्यों का समर्थन कर सकता है।
- इस टूल से जलवायु प्रतिरोध क्षमता योजनाएँ भी ग्रामीण क्षेत्रों को लंबे समय तक सूखे से सुरक्षित करने का समर्थन कर सकती हैं।