राजस्थान
चित्तौड़गढ़ किला
- 11 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह चित्तौड़गढ़ किले के 10 किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
मुख्य बिंदु
- किले के बारे में:
- यह राजस्थान के चितौड़गढ़ में स्थित और यह भारत के सबसे विशाल किलों में से एक है। यह किला समुद्र तल से लगभग 180 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है ।
- इस किले का निर्माण 7वीं शताब्दी ईस्वी में स्थानीय मौर्य वंश के शासक चित्रांगद मोरी द्वारा करवाया गया था।
- बाद में, वर्ष 728 ईस्वी में इस पर मेवाड़ के शासकों ने अधिकार कर लिया और इसे अपनी राजधानी बनाया। चित्तौड़गढ़ मध्यकालीन भारत में मेवाड़ की सत्ता और गौरव का केंद्र रहा है।
- मलिक मुहम्मद जायसी की प्रसिद्ध काव्य रचना 'पद्मावत' के अनुसार, अलाउद्दीन खिलजी ने मेवाड़ के राजा रतन सिंह की रानी पद्मिनी को प्राप्त करने के उद्देश्य से इस किले पर आक्रमण किया था।
- यह किला बादल, गोरा, महाराणा प्रताप, राणा कुम्भा, पट्टा, जयमल जैसे कई प्रसिद्ध योद्धाओं की वीरगाथाओं से भी जुड़ा रहा है।
- यह किला वर्ष 2013 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
- यह उन सात पहाड़ी किलों में से एक है, जिन्हें 'राजस्थान के पहाड़ी किले' के रूप में सामूहिक धरोहर का दर्जा मिला था।
- किले की प्रमुख विशेषताओं में इसके सात द्वार शामिल हैं – पदन द्वार, गणेश द्वार, हनुमान द्वार, भैरों द्वार, जोडला द्वार, लक्ष्मण द्वार और मुख्य द्वार 'राम पोल'।
- किले परिसर में चार प्रमुख महल, 19 मंदिर (हिंदू एवं जैन दोनों), 20 जल स्रोत और चार प्रमुख स्मारक स्थित हैं।