उत्तराखंड में चीनी बगुला | 20 May 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आमतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों, राजस्थान और भूटान में पाया जाने वाले पक्षी चाइनीज़ पॉन्ड हेरॉन को पहली बार उत्तराखंड में देखा गया है।

मुख्य बिंदु:

  • विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तराखंड में चाइनीज़ पॉन्ड हेरॉन के अस्तित्त्व का कोई रिकॉर्ड नहीं था।
    • पहली बार इस पक्षी ने प्रजनन के लिये लैंसडाउन वन प्रभाग के कोटद्वार क्षेत्र को चुना है।
  • गर्मियों के दौरान कोटद्वार और लैंसडाउन वन प्रभाग के सनेह क्षेत्र के घने वनों में कई प्रवासी पक्षी दिखाई देते हैं।
    • पूर्वोत्तर राज्यों से पक्षियों का यहाँ आगमन/प्रवासन इस बात का संकेत है कि यहाँ का परिवेश उनके लिये अनुकूल है।

चाइनीज़ पॉन्ड हेरॉन (Chinese Pond Heron)

  • चाइनीज़ पॉन्ड हेरॉन  (Ardeola bacchus) बगुला कुल का एक पूर्वी एशियाई अलवण जलीय पक्षी है।
    • यह पक्षियों की छह प्रजातियों में से एक है जिन्हें "पॉन्ड हेरॉन अर्थात् तालाब के बगुलों" (genus Ardeola) के नाम से जाना जाता है।
  • यह आमतौर पर 47 cm (19 इंच) लंबा होता है, इसके सफेद पंख, पीले रंग की चोंच व काले सिरे, पीली आँखें और पैर होते हैं।
    • प्रजनन काल के दौरान इसका समग्र रंग लाल, नीला और सफेद होता है तथा अन्य समय में भूरा-भूरा एवं सफेद रंग का होता है।
  • यह उथले अलवण जल और खारे जल वाले आर्द्रभूमि व तालाबों में पाया जाता है।
  • यह काफी सामान्य है और IUCN रेड लिस्ट द्वारा इसे कम चिंतनीय (LC) प्रजाति माना जाता है।