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State PCS Current Affairs

मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा

  • 07 Apr 2025
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्य प्रदेश के नगरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिये मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा की शुरुआत को मंजूरी दी गई।

मुख्य बिंदु

  • परिवहन सेवा के बारे में:
    • उद्देश्य: 

      • इस योजना का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश के नगरों और ग्रामीण इलाकों में यात्रियों के लिये एक सुविधाजनक, सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्री परिवहन व्यवस्था स्थापित करना है। 
      • इस योजना के तहत, ग्रामीण और साधारण मार्गों पर बस सेवाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे लोग आसानी से यात्रा कर सकेंगे और उन्हें नियमित, सुरक्षित और सुलभ परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
    • वित्तीय स्वीकृति और संरचना:
      • इस परियोजना के लिये 101 करोड़ 20 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।
      • कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत राज्य स्तर पर एक होल्डिंग कंपनी का गठन किया जाएगा, जो सात संभागीय कंपनियों के नियंत्रण को एकीकृत करेगी।
      • रीवा और ग्वालियर के लिये नए क्षेत्रीय कंपनियों का गठन किया जाएगा और इन कंपनियों की निगरानी के लिये त्रि-स्तरीय संरचना का निर्माण होगा।
    • संपत्ति और संसाधनों का उपयोग:
      • सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा उपयोग में लाई गई चल-अचल संपत्तियाँ, जैसे बस टर्मिनल और बस स्टॉप, होल्डिंग कंपनी द्वारा सामंजस्य से विकसित की जाएंगी।
      • नगर निगम और अन्य प्राधिकरणों द्वारा विकसित संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा और उनकी राशि का भुगतान परिवहन विभाग द्वारा किया जाएगा।
    • नियमों में संशोधन:
      • मध्य प्रदेश मोटरयान नियम, 1994 में आवश्यक संशोधन की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है, ताकि परिवहन से जुड़े नियमों में समायोजन किया जा सके।
      • बस संचालन के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल अपनाया जाएगा, जिससे निजी बस ऑपरेटरों को व्यवस्थित रूप से विनियमित किया जाएगा

कंपनी अधिनियम, 2013

  • कंपनी अधिनियम, 2013 भारत में 30 अगस्त 2013 को लागू हुआ था।
  • यह अधिनियम भारत में कंपनियों के निर्माण से लेकर उनके समापन तक सभी स्थितियों में मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।
  • कंपनी अधिनियम के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ (NCTL) की स्थापना की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि कंपनी अधिनियम, 2013 ने ही ‘एक व्यक्ति कंपनी’ (One Person Company) की अवधारणा की शुरुआत की।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल

  • PPP परियोजना का अर्थ है किसी भी परियोजना के लिये सरकार या उसकी किसी वैधानिक संस्था और निजी क्षेत्र के बीच हुआ लंबी अवधि का समझौता। 
  • इस समझौते के तहत शुल्क लेकर ढाँचागत सेवा प्रदान की जाती है। इसमें आमतौर पर दोनों पक्ष मिलकर एक स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) गठित करते हैं, जो परियोजना पर अमल का काम करता है।
  • आज अवसंरचना के कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों, जैसे- सड़क, रेल, नवीकरणीय ऊर्जा, बंदरगाह, हवाई-अड्डा, पाइपलाइन और शहरी ढाँचागत क्षेत्र आदि में निवेश के लिये PPP मॉडल को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
  • लाभ-
    • PPP मॉडल अपनाने से परियोजनाएँ सही लागत पर और समय से पूरी हो जाती हैं।
    • PPP से काम समय से पूरा होने के कारण निर्धारित परियोजनाओं से होने वाली आय भी समय से शुरू हो जाती है, जिससे सरकार की आय में भी बढ़ोतरी होने लगती है। 
    • परियोजनाओं को पूरा करने में श्रम और पूंजी संसाधन की प्रोडक्टिविटी बढ़ाकर अर्थव्यवस्था की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। 
    • PPP मॉडल के तहत किये गए काम की गुणवत्ता सरकारी काम की तुलना में अच्छी होती है और साथ ही काम अपने निर्धारित योजना के अनुसार होता है।

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